उज्जैन। ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद नन्हे बच्चों (पहली से पांचवी) की कक्षाएं आज से शुरू हो गईं। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को निर्देश दिए जा चुके हैं। छठी से 12वीं तक की कक्षाएं 1 सप्ताह पहले शुरू हो गई थीं, लेकिन कक्षाओं में छात्र न्यूनतम संख्या में ही पहुंच रहे हैं।
शिक्षा विभाग की ओर से जून की शुरुआत में ही शिक्षकों को नामांकन और नई प्रवेश प्रक्रिया के लिए बुला लिया था, वहीं जून के तीसरे सप्ताह में माध्यमिक, हाईस्कूल और हाई सेकेंडरी स्कूल की कक्षाएं शुरू करने के निर्देश दिए गए थे। सरकारी स्कूलों में कक्षाएं तो लगाई गईं, लेकिन शहरी क्षेत्र के स्कूलों की कक्षाओं में बच्चे नदारद रहे। ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में सीमित संख्या में बच्चे पहुंच रहे हैं, वहीं स्कूल चले हम अभियान भी सरकारी कागजों में चल रहा है, जबकि छठी से 12वीं तक की कक्षाओं में न्यूनतम बच्चे पहुंचने के पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि बच्चों और अभिभावकों की मानसिकता 1 जुलाई से स्कूल पहुंचाने की होती है।
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