उज्जैन। लंबे समय बाद पटाखा व्यापारियों पर टैक्स चोरी को लेकर पड़े छापे के बाद अब थोक व्यापारी बिल बनाकर दे रहे हैं। यहां तक कि जीएसटी विभाग से डरे व्यापारी अब खेरची वालों को भी 18 प्रतिशत जोड़कर पक्के बिल बनाकर दे रहे हैं। कई दुकानों से स्टॉक भी कम कर दिया गया है, ताकि अगर कोई कार्रवाई हो तो पूरा माल नहीं पकड़ा जा सके।
पूरे प्रदेश में मात्र सवा पांच करोड़ रुपए की कर चोरी 54 पटाखा व्यापारियों पर सर्चिंग से पकड़ाई है। इस हिसाब से एक व्यापारी पर मात्र 9 लाख रुपए जमा कराए हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि अगर जांच ईमानदारी से की जाती तो काफी बड़ी कर चोरी पकड़ी जा सकती थी। उज्जैन में आधा दर्जन बड़े पटाखा व्यापारियों पर सर्चिंग की कार्रवाई हुई थी। इसके बाद दूसरे व्यापारी डर गए और उन्होंने अब जीएसटी के साथ बिल बनाना शुरू कर दिए हैं। सबको मालूम है कि पटाखे का व्यापार कच्ची चि_ियों पर होता है और इसमें करोड़ों की टैक्स चोरी होती है, लेकिन जीएसटी लगने के बाद इन पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई। गत दिवस कुछ दुकानों की टैक्स चोरी की गणना कंप्लीट हो गई थी और मात्र दो दुकानें बची थीं। कहा जा रहा है कि आज ये दुकानें खुल जाएंगी। इंदौर में पटाखे की 80 दुकानें बताई जा रही है, जिनमें से मात्र 11 दुकानों पर कार्रवाई हुई है। हालांकि अब सभी दुकानें जीएसटी मिलाकर बिल बना रही हैं।
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