नई दिल्ली: विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है. इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया गया है. हालांकि इस पर कब चर्चा होगी, ये अभी तक तय नहीं हुआ है. इस बीच खबर है कि विपक्ष राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है. आज यानी मंगलवार सुबह हुई विपक्ष की बैठक में इस पर चर्चा की गई है.
विपक्ष का आरोप है कि सभापति विपक्ष की बात नहीं सुनते हैं और सत्ता पक्ष को तरजीह देते हैं. इसी पर विपक्ष की बैठक में कुछ दलों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की है. हालांकि, ध्यान देने वाली बात ये है कि अभी इस मांग पर बैठक में सिर्फ चर्चा हुई है. फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ है. अभी तक मणिपुर को लेकर राज्यसभा के चेयरमैन का जो रुख रहा है, विपक्ष उससे नाराज है. विपक्ष का मानना है कि सभापति ने मणिपुर पर एकतरफा फैसले लिए हैं. विपक्ष चाहता है कि मणिपुर पर नियम 267 के तहत चर्चा हो.
इस बीच ये भी जानकारी है कि विपक्ष इस बात से भी खफा है कि सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, लेकिन उस पर कब बहस होगी ये तय नहीं हुआ है और इस बीच सरकार की तरफ से सदन में बिल पेश किए जा रहे हैं और उन्हें पास भी कराया जा रहा है. विपक्ष का आरोप है कि ऐसा कराना पूरी तरह से गैरकानूनी और परंपरा के खिलाफ है. इसे लेकर विपक्ष सुप्रीम कोर्ट जा सकता है. वहां मांग की जाएगी की जो भी बिल इस दौरान पास कराए गए हैं, उन सभी को रिजेक्ट किया जाए. दुनिया के तीन देशों में ऐसा हो चुका है.
इस पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कि सारे पत्ते एक दिन में नहीं खोले जाते. मणिपुर में चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष द्वारा संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हो रहा है. संसद की कार्यवाही को बार-बार स्थगित करना पड़ रहा है. विपक्ष की तरफ से लगातार मांग की जा रही है कि मणिपुर पर चर्चा हो और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जवाब दें. इसके साथ ही वो संसद भी आएं.
वहीं सभापति ने मणिपुर मामले में पीएम को सदन में बुलाने की विपक्ष की मांग को नियमों के खिलाफ बताया है. उन्होंने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है. सभापति ने सदन न चलने पर भी दुख व्यक्त किया है. सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर कब चर्चा होगी, इस पर आज फैसला किया जा सकता है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार यानी 31 जुलाई को कहा था कि 10 वर्किंग डे के अंदर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी.
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