भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर चंबल (Gwalior Chambal) में बारिश से बने बाढ़ के हालातों से निपटने में लगी सरकार के सामने अब नया संकट खड़ा हो गया है। निमाड़ कम वर्षा के कारण सूखे की चपेट में आ गया है। और बाढ़ पर हो रही सियासत के साथ अब सूखे को लेकर भी राजनीति गरमा गई है। निमाड़ अंचल की लोकसभा सीट खंडवा (Lok Sabha seat Khandwa) पर उपचुनाव होना है और ऐसे में कम बारिश से बन रहे सूखे के हालातों को लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। खंडवा लोकसभा सीट से कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार अरुण यादव (Arun Yadav) निमाड़ के खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर और बड़वानी को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की है।
कांग्रेस ने निमाड़ में कम बारिश से फसलों के खराब होने का हवाला देते हुए सरकार से तत्काल निमाड़ को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की है। इस मांग को लेकर अरुण यादव (Arun Yadav) ने सीएम शिवराज (CM Shivraj) को पत्र भी लिखा है। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा (PC Sharma) का कहना है बाढ़ के हालातों से निपटने में सरकार विफल साबित हुई है और अब सूखे के हालातों को लेकर सरकार गंभीर नहीं दिख रही। दरअसल, निमाड़ में कम बारिश के कारण नर्मदा, कुन्दा, वेदा, इंद्रावती डैम नदियां पानी को तरस रही हैं। नर्मदा नदी का जलस्तर भी कम है। नर्मदा पर बने बांध के गेट नहीं खुल पाए हैं। कई जगह पर गर्मी के कारण फसलें खराब हो रही हैं। वहीं, बीजेपी भी मान रही है कि कम बारिश के कारण निमाड़ में परेशानियां सामने आ रही हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (State President VD Sharma) ने कहा है के निमाड़ में कम बारिश से बने हालातों पर सरकार की नजर है और जरूरत पडऩे पर सरकार उचित फैसला लेगी।
‘वोटों की फसल’ लहलहाने की कोशिश
दरअसल, खरगोन में ही 2 लाख 15 हजार हेक्टेयर कपास, 40000 हेक्टेयर में मिर्ची, 72 हजार हेक्टेयर में मक्का और 68000 हेक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई हुई है जो बारिश के इंतजार में खराब हो रही है। बड़वानी खंडवा और बुरहानपुर में औसत बारिश भी अब तक दर्ज नहीं हुई है और यही कारण है की प्रदेश के करीब 12 जिलों में सूखे के हालात को लेकर सियासी पारा चढऩे लगा है। खंडवा लोकसभा सीट के उपचुनाव से पहले सूखे के हालातों पर बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे को घेर कर वोटों की फसल लहलहाने की कोशिश में लगी हई हैं।
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