उज्जैन। कार्तिक मेला तो एकाएक प्रशासन ने बंद कर दिया लेकिन कई दुकानदार उलझ गए हैं और उन्होंने ब्याज से पैसा लेकर माल भरा था तथा आखिरी दिनों में अच्छी भीड़ की उम्मीद थी लेकिन कल शाम मेले में सन्नाटा हो गया और प्रशासन ने पूरी दुकानें बंद करवा दी थी। परेशान दुकानदार कह रहे हैं कि वे अब ब्याज का पैसा कैसे चुकाएँगे। कार्तिक मेला ऑनलाइन ऑफलाइन के झमेले में पहले ही सही रूप में 15 नवंबर के बाद लग पाया और जैसे तैसे महंगी दुकान लेकर व्यापारी अपना व्यापार कर रहे थे कैलेंडर के हिसाब से 7 दिसंबर को मेले का एक महा पूरा हो रहा था लेकिन नगर निगम ने देर से मिला लगा इसलिए 13 नवंबर तक मेले का समापन करने की बात कही थी। लेकिन लेकिन मंगलवार की रात एक युवक की चाकू घोंप कर हत्या कर दी गई, और फिर विवाद बढ़ा कल मृतकों के परिजनों ने प्रदर्शन किया और उनकी लड़ाई में हिंदूवादी संगठन भी आ गए और प्रदर्शन कर रहे थे। इसको देखते हुए कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही थी। प्रशासन ने कल मेला बंद करा दिया लेकिन मेला बंद कराने से व्यापारी परेशान है।
मेरठ से आए स्पोर्ट्स व्यापारी बबलू ने बताया मेला अच्छा चल रहा था तो हमने परसों ही एक ट्रक भरकर सामान मंगवाया जिसका भाड़ा ही 30 हजार रुपए होता है। अब मेला बंद हो गया तो हमें भाड़े की दोहरी मार पड़ेगी और सामान नहीं बिकेगा वहां अलग बात है। इसी प्रकार सारंगपुर से आए व्यापारी केलाश मित्तल ने बताया 5 प्रतिशत ब्याज से पैसा लेकर महंगी दुकान लेकर जैसे तैसे व्यापार कर रहे थे लेकिन अचानक प्रशासन ने कल बंद कर दिया जबकि हत्या की घटना मेले के बाहर कालिदास उद्यान के पास हुई थी। झगड़ा झूला जोन में हुआ तो झूला झूला बंद कर दीजिए लेकिन हम गरीब व्यापारियों का प्रशासन को ध्यान रखना चाहिए। इधर महापौर मुकेश टटवाल ने बताया मेले में छोटी मोटी झगड़े की घटनाएं हो रही थी तो हमने पुलिस प्रशासन को सात बार चि_ी लिखकर व्यवस्थाएं ठीक करने को कहा था लेकिन पुलिस प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया और यह बड़ी घटना हो गई। घटना दुखद है लेकिन छोटे व्यापारियों को घाटा हो रहा है और पहले ही मेला लेट लगा है इसलिए उन्हें अतिरिक्त दिन दिए थे प्रशासन को सुरक्षा व्यवस्था कर मेले को चार-पांच दिन और लगवाना चाहिए। इधर व्यापारी आज कलेक्टर के पास प्रदर्शन करने की बात कह रहे हैं वे कलेक्टर के पास अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करेंगे।
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