जनप्रतिनिधि और अफसर नहीं ले पा रहे कहां-कैसे बनाना है ब्रिज
इन्दौर। शहर के बाणगंगा क्रॉसिंग (Banganga Crossing) और सिंगापुर टाउनशिप (singapore township) के पास बनने वाले रेल ओवरब्रिजों की हालत एबी रोड पर बनने वाले एलिवेटेड ब्रिज जैसी हो गई है। जिस तरह तीन साल तक एलिवेटेड ब्रिज अधर में रहा, उसी तरह इन दोनों ब्रिजों के आकार-प्रकार और स्थान संबंधी निर्णय एक साल से नहीं हो पाया है। यह निर्णय शहर के जनप्रतिनिधियों और अफसरों को लेना है, लेकिन इन महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा के लिए उनके पास समय नहीं है।
यह हालत तब है जब बाणगंगा क्रॉसिंग पर बनने वाले रेल ओवरब्रिज के टेंडर फाइनल हो गए हैं और ठेका कंपनी को दिया जा चुका है। क्रॉसिंग पर 26 करोड़ रुपए की लागत से एल शेप ब्रिज बनना था, लेकिन जनप्रतिनिधियों ने इसकी डिजाइन पर सवाल उठाते हुए काम शुरू नहीं होने दिया। यहां तक तो ठीक था, लेकिन इसका विकल्प क्या हो, इसे लेकर अब तक फैसला नहीं हो पाया है। कहा जा रहा है कि टू लेन बाणगंगा ब्रिज भविष्य के हिसाब से नहीं है और जहां ब्रिज बनेगा, वह जगह भी बहुत संकरी है। इसे आगे एमआर-10 की तरफ बनाने का विकल्प है, लेकिन अंतिम निर्णय नहीं होने से प्रोजेक्ट अधर में है। सिंगापुर टाउनशिप के पास बनने वाले रेल ओवरब्रिज की स्थिति थोड़ी अलग है। राज्य सरकार ने पिछले साल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इसे ताबड़तोड़ मंजूरी दी थी। जब सर्वे शुरू हुआ, तो पता चला कि ब्रिज निर्माण में कुछ रहवासी इमारतें और अन्य निर्माण हटाना होंगे। प्रभावित लोगों ने भी विरोध शुरू किया, तो बात आई-गई हो गई। अब तक इसे लेकर भी अंतिम फैसला नहीं हो पाया है। इधर, पीडब्ल्यूडी अफसर हाथ पर हाथ धरकर बैठे हैं कि जिला सरकार कोई निर्णय ले, तब काम में आगे बढ़ा जाए।
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