नई दिल्ली । म्यांमार में भूकंप के बाद (After the Earthquake in Myanmar) ऑपरेशन ब्रम्हा के तहत (Under Operation Brahma) भारत ने 15 टन राहत सामग्री भेजी (India sent 15 Tonnes of Relief) ।
म्यांमार में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के बाद मची तबाही से निपटने के लिए भारत ने अपने पड़ोसी के लिए मदद का हाथ आगे कर दिया है। भारत ने म्यांमार के लोगों को मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए ऑपरेशन ब्रम्हा शुरू कर दिया है। इस बात की जानकारी विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी।
ऑपरेशन ब्रम्हा के तहत भारत ने अपनी नेबरहुड फर्स्ट और एक्ट ईस्ट पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए टेंट, कंबल, स्लीपिंग बैग, भोजन के पैकेट, स्वच्छता किट, जनरेटर और आवश्यक दवाओं सहित 15 टन राहत सामग्री की पहली खेप यांगून में पहुंचाई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा, “ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू हो गया है। भारत से मानवीय सहायता की पहली खेप म्यांमार के यांगून हवाई अड्डे पर पहुंच गई है।”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पोस्ट में कहा, “ऑपरेशन ब्रह्मा – भारत कल के भीषण भूकंप से प्रभावित म्यांमार के लोगों की सहायता के लिए प्रथम प्रक्रिया कर्ता के रूप में कार्य कर रहा है। टेंट, कंबल, स्लीपिंग बैग, भोजन के पैकेट, स्वच्छता किट, जनरेटर और आवश्यक दवाओं सहित 15 टन राहत सामग्री की हमारी पहली खेप यांगून में पहुंच गई है। हैशटैग नेबरहुड फर्स्ट, हैशटैग एक्ट ईस्ट।”
बता दें कि म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप और शुक्रवार देर रात रिक्टर पैमाने पर 4.2 तीव्रता के एक अन्य भूकंप के एक दिन बाद शनिवार को बचावकर्मियों ने अपना खोज और राहत कार्य जारी रखा, मीडिया रिपोर्टों में म्यांमार के एक सैन्य नेता के हवाले से कहा गया है कि भूकंप में कम से कम 694 लोग मारे गए हैं, जबकि एक अमेरिकी एजेंसी ने चेतावनी दी है कि मरने वालों की संख्या 10,000 से अधिक हो सकती है।
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने बताया कि शुक्रवार देर रात म्यांमार में रिक्टर पैमाने पर 4.2 तीव्रता का एक और भूकंप आया, जिसके कुछ घंटे पहले ही दक्षिण-पूर्व एशिया के अधिकांश हिस्से में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था। आज भी 5.1 तीव्रता झटके महसूस किए गए । मेघालय और मणिपुर सहित भारत के कुछ हिस्सों के साथ-साथ बांग्लादेश, खासकर ढाका और चटगांव और चीन में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। हालांकि, आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अब तक पहले भूकंप के बाद 150 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।
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