नई दिल्ली: चीन में आए भूकंप ने तबाही मचाकर रख दी है, जिसके बाद बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. सैकड़ों लोग घायल हैं. इस बीच नया संकट ठंड का है. भूकंप वाले इलाके में पारा माइनस में है और रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीम सहित लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है. स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है. चीन के उत्तर-पश्चिमी गांसु प्रांत के एक दूरदराज के इलाके में आए शक्तिशाली भूकंप से बचे लोगों को ढूंढा जा रहा और मिले लोगों का इलाज किया जा रहा है.
गांसु और किंघई प्रांतों की सीमा के पास जिशिशान काउंटी में 6.2 तीव्रता का भूकंप आया था. रात के अंधेरे में भूकंप से डरे लोगों को ठंड में घरों से बाहर निकलना पड़ा. भूकंप ने सड़क, बिजली और पानी की लाइनों को क्षतिग्रस्त कर दिया. इसके अलावा 150,000 से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा है.
इमरजेंसी रिस्पांस को एक्टिव किया गया है. कई विभागों ने जीवित बचे लोगों की तलाश करने और उन्हें पुनर्स्थापित करने के लिए हजारों कर्मियों को पहाड़ी डिजास्टर क्षेत्र में भेजा है. मंगलवार की रात गांसु में भूकंप के केंद्र के आसपास तापमान शून्य से 15 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया. हालांकि रेस्क्यू टीम ने अपना काम जारी रखा है.
स्थानीय मीडिया के अनुसार, मलबे के नीचे फंसे लोगों को बिना मदद के माइनस 10 डिग्री टेंपरेचर की स्थिति में हाइपोथर्मिया विकसित होने का खतरा होता है और अगर वे घायल नहीं हैं तो केवल पांच से 10 घंटे के बीच ही जीवित रह सकते हैं. अधिकारियों ने कहा कि गांसु में, बुधवार सुबह 9 बजे तक 113 लोगों के शव मिल चुके हैं और 782 घायल हुए थे. बुधवार सुबह 5:30 बजे तक किंघई में मरने वालों की संख्या बढ़कर 18 हो गई और 198 घायल हो गए.
गांसु में 78 लोगों को बचाया गया है. हाल के दशकों में चीन में सबसे खतरनाक भूकंप साल 2008 में आया था. सिचुआन में रिक्टर पैमाने पर 8.0 तीव्रता से धरती हिली थी, जिसमें लगभग 70,000 लोगों की मौत हो गई थी.
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