इंदौर। कांग्रेस के पूर्व विधायक संजय शुक्ला और विशाल पटेल के भाजपा के जाने क ेबाद अब इंदौर में लोकसभा प्रत्यायाी को लेकर फिर से समीकरण बनने लगे हैं। एक तरह से कांग्रेस के पास अब कोई दमदार नाम नहीं बचा है। बड़े नेता भंवरसिंह शेखावत को चुनाव मैदान में उतारने के मूड में हैं, वहीं अरविन्द बागड़ी का नाम भी प्रदेश कांग्रेस की ओर से रखा गया है। जिस तरह से भाजपा आने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियां कर रही है, उससे कांग्रेस बहुत पीछे हैं। मध्यप्रदेश की बात की जाए तो भाजपा के चुनाव कार्यालय खोलने की तैयारी है, लेकिन कांग्रेस प्रदेश के मामले में अभी तक कोई निर्णय नहीं ले पाई है।
दो दिन पहले जिस तरह का झटका कांग्रेस को लगा है, उस सदमे से अभी कांग्रेस बाहर नहीं निकली है, वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भोपाल में यह कहकर चौंका दिया कि उन्हें सुरेश पचौरी के भाजपा में जाने की भनक नहीं लगी, नहीं तो उन्हें मना लेते। वैसे पटेल और शुक्ला से इंदौर में पटवारी ने भाजपा में शामिल नहीं होने के लिए मान-मनोव्वल की थी, लेकिन दोनों नेता नहीं माने। एक दिन पहले तो विशाल पटेल का नाम लोकसभा के संभावित उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस से उछला भी था, वहीं संजय शुक्ला को भी कांग्रेस लोकसभा लड़ा सकती थी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया था। कांग्रेस को मालूम था कि दोनों ही नेता हर तरह से सक्षम हैं और पार्टी को ज्यादा मेहनत नहीं करना पड़ेगी, लेकिन पांसा उलटा पड़ गया। अब बदनावर विधायक भंवरसिंह शेखावत को इंदौर से लड़ाने पर जोर लगाया जा रहा है, लेकिन वे मना कर चुके हैं। हालांकि कांग्रेस के बड़े नेताओं का कहना है कि शेखावत जैसे नेता ही इंदौर में भाजपा को उम्मीदवार को तगड़ी टक्कर दे सकते हैं। पुराने संघी और भाजपाई शेखावत भाजपा के दांव-पेंच से अच्छी तरह से वाकिफ हैं, वहीं दूसरा नाम अरविन्द बागड़ी का भी सामने आ रहा है। बागड़ी का नाम प्रदेश कांग्रेस की ओर से रखा गया है। बागड़ी को जब शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाया गया था, तब कमलनाथ ने उन्हें उचित मौका और पद देने की बात कही थी। बागड़ी यंू भी पटवारी के करीबी हैं, इसलिए हो सकता है कि बागड़ी को टिकट दे दिया जाए, वहीं कुछ और नाम भी फेहरिस्त में है, जिस पर विचार किया जा रहा है।
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