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लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद हरियाणा-दिल्ली में अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे आप और कांग्रेस

नई दिल्ली (New Delhi)। कांग्रेस को हराकर दिल्ली की सत्ता में आई आम आदमी पार्टी (AAP) ने भले लोकसभा चुनावों (Lok Sabha elections) के मद्देनजर दिल्ली सहित कुछ राज्यों में हाथ मिलाते हुए साथ लड़ने का फैसला किया था, लेकिन लोकसभा के बाद आगामी विधानसभा चुनावों (upcoming assembly elections) में कांग्रेस और आप साथ नहीं जाएगी। हालांकि पंजाब में दोनों ने लोकसभा में भी अलग-अलग चुनाव लड़ा था।

आप की ओर से कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात पहले ही आ चुकी है, लेकिन अब कांग्रेस भी इस बात की तस्दीक कर रही है। कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि दिल्ली और हरियाणा के विधानसभा चुनावों में आप के साथ गठबंधन की बहुत गुंजाइश नहीं लगती। हालांकि महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों में इंडिया गठबंधन बरकरार रहेगा।



उल्लेखनीय है कि आने वाले दिनों में हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू कश्मीर में चुनाव होना है, जबकि अगले साल के शुरू में दिल्ली में चुनाव होने हैं। हरियाणा और दिल्ली में कांग्रेस और आप दोनों ही गठबंधन नहीं चाहते। दरअसल, कांग्रेस के भीतर यह बात गहरे तक बैठी है कि आप जहां भी बढ़ी है, वहां कांग्रेस का वोट बैंक लेकर वह जीती है। दिल्ली और पंजाब इसके उदाहरण हैं। यही वजह थी कि दोनों दलों के बीच लोकसभा में तालमेल में काफी मुश्किलें आईं। हालांकि आगामी असेंबली को लेकर दोनों पार्टियों की अपनी अपनी मजबूरियां हैं।

हरियाणा लोकसभा में पांच सीटें जीतने के बाद कांग्रेस के हौसले काफी बुलंद हैं। बीजेपी के खिलाफ दस साल की एंटी इनकंबेंसी को देखते हुए कांग्रेस खासी उत्साहित है। वह इस बार अपने लिए जीत की संभावना देख रही है। ऐसे में वह आप के साथ किसी तरह का कोई गठबंधन कर वहां आप के लिए जमीन तैयार नहीं करना चाहती। वहीं कांग्रेस समझ रही है कि हरियाणा में कुरुक्षेत्र में हुआ आप के साथ गठबंधन जमीन पर नहीं चला।

दिल्ली में भी कांग्रेस से गठबंधन नहीं चाहती AAP
दूसरी ओर आप भी दिल्ली में कांग्रेस से हाथ मिलाकर उसे जमीनी आधार नहीं देना चाहती। दरअसल, 2013 से हुए अब तक दिल्ली के तीन चुनावों में तमाम ताकत लगाने के बाद भी कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई है। असेंबली में आप के सामने बीजेपी ही प्रमुख विपक्षी दल बनी है। ऐसे में कांग्रेस से हाथ मिलाकर आप यहां उसे किसी भी तरह की संजीवनी देने के लिए तैयार नहीं है। वैसे आप का समर्पित वोट बैंक वही है, जो कभी कांग्रेस का ठोस वोट बैंक हुआ करता था।

महाराष्ट्र और झारखंड में गठबंधन का हिस्सा रहेगी कांग्रेस
दूसरी ओर कांग्रेस ने संकेत दिया कि महाराष्ट्र और झारखंड में कांग्रेस गठबंधन का हिस्सा रहेगी। महाराष्ट्र में कांग्रेस ने महाविकास अघाड़ी का हिस्सा बनकर हालिया चुनावों में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। वहां शिवसेना, यूबीटी और एनसीपी, एससी के साथ कांग्रेस लगभग साढ़े चार सालों से न सिर्फ साथ है, बल्कि महाराष्ट्र ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर भी ये तीनों दल आपसी सामंजस्य बनाकर चल रहे हैं। इसका असर हालिया चुनाव में भी देखने को मिला। कांग्रेस ही नहीं महाविकास अघाड़ी आगामी चुनाव में महाराष्ट्र में अपनी जीत की बेहतर संभावना देख रही है। झारखंड में भले ही कांग्रेस-जेएमएस का गठबंधन बहुत बेहतर प्रदर्शन न कर पाया हो, लेकिन कांग्रेस को उम्मीद है कि झारखंड में उनका गठजोड़ अच्छा प्रदर्शन करेगा।

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