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    हरियाणा विधानसभा चुनाव हार के बाद और बढ़ी रार, कुमारी सैलजा की नई मांग

  • October 16, 2024

    मुंबई। हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) में कांग्रेस की अप्रत्याशित हार ने पार्टी में कलह को और बढ़ा दिया है। चुनाव के दौरान ही कुमारी सैलजा और भूपिंदर सिंह हुड्डा (Kumari Selja and Bhupinder Singh Hooda) के बीच सीधा टकराव दिख रहा था। इसके अलावा एक और तीसरा धड़ा रणदीप सिंह सुरजेवाला का था। अब यह कलह फिर से सतह पर आती दिख रही है। कुमारी सैलजा ने तो हाईकमान से मांग कर दी है कि संगठन में बदलाव किए जाएं। इस तरह फिर से उनका सीधा निशाना भूपिंदर सिंह हुड्डा पर ही है। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को हुड्डा का ही करीबी माना जाता है।



    सिरसा की सांसद ने कहा कि इन नतीजों ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को निराश किया है, लेकिन वे हताश नहीं हैं। हाईकमान इस हार की पड़ताल करेगा। कुमारी सैलजा का कहना है कि इस हार पर चिंता करने की बजाय पार्टी को उसके कारणों की पड़ताल करना चाहिए और आगे के लिए मंथन करना होगा। उन्होंने संगठन में बदलाव पर जोर दिया और कहा कि बीते 10 से 12 सालों में संगठन ठीक से काम नहीं कर रहा है। सैलजा ने कहा कि पार्टी की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी कार्यकर्ताओं से बात करेगी और उनकी राय ली जाएगी। यह पूछा जाएगा कि आखिर आप हार के क्या कारण मानते हैं।

    सैलजा ने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद ही हाईकमान कोई फैसला लेगा। उन्होंने कहा कि हमारी जो हार हुई है, उसका अनुमान तो किसी को भी नहीं था। कोई यह नहीं सोच रहा था कि ऐसा नतीजा भी आ सकता है। फिर भी किसी नतीजे तक पहुंचने से पहले हम फीडबैक लेंगे। वहीं आपसी कलह पर राहुल गांधी के गुस्से वाली खबरों को सैलजा ने खारिज किया। उन्होंने कहा कि अब तक इस पर उनकी ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। बता दें कि हरियाणा चुनाव की बड़ी वजह कलह को ही माना जा रहा है। चर्चा है कि भूपिंदर सिंह हुड्डा के हाथ में ही चुनाव की पूरी कमान होने से कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला ने दूरी बना ली।

    कैप्टन अजय यादव ने भी लगाए थे उपेक्षा के आरोप
    दोनों ही प्रचार से दूर रहे। इसके अलावा अहीरवाल में कैप्टन अजय सिंह यादव जैसे नेता भी उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में कुमारी सैलजा की ओर से बदलाव की मांग ने रार को नए सिरे से तेज कर दिया है। बता दें कि सभी एग्जिट पोल्स में भी कांग्रेस की ही जीत की भविष्यवाणी की गई थी। लेकिन जब नतीजे आए तो कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक पंडित भी हैरान रह गए।

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