साथी भी आया क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में
इंदौर। क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedisvir Injection) की कालाबाजारी (Black marketing) करने वाले दो युवकों को गिरफ्तार किया है। दोनों प्रापर्टी ब्रोकर हैं। एक का कहना है कि इंजेक्शन कोरोना संक्रमित काका ससुर के लिए लेकर आए थे, जिनकी मौत हो गई तो यह इंजेक्शन बेचने के लिए निकल पड़े।
एएसपी गुरुप्रसाद पाराशर ने बताया कि बिचौली हप्सी स्थित फॉनेक्स अस्पताल (Phanex Hospital) के समीप मुखबिर की सूचना पर एक कार में बैठे दो लोगों की तलाशी ली तो उनके पास एक रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedisvir Injection) मिला। पूछताछ में दोनों ने अपने नाम प्रितेश सकलेचा निवासी महावीर नगर और अंकित सोलंकी निवासी संचार नगर बताए। इनके पास मिला इंजेक्शन, कार और दोनों के मोबाइल जब्त कर लिए। ये 30 हजार में इजेक्शन का सौदा करने आए थे। अंकित का कहना है कि उक्त इंजेक्शन कोरोना से संक्रमित अस्पताल में भर्ती काका ससुर के लिए लेकर आए थे, जिनकी मौत हो गई और उक्त इंजेक्शन बच गया तो सोचा कि इसे बेच दिया जाए।
एक आरोपी के घर छानबीन
पुलिस गुजरात (Gujarat) में पकड़ाए आरोपी सुनील मिश्रा, अंकुश मेहरा के अलावा कौशल वोरा को यहां ट्रांजिट रिमांड पर लेकर आएगी। दवा बाजार के जिस सेल्समैन आनंद को पुलिस ने पकड़ा है, उसने सांवेर में 70 रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedisvir Injection) बेचने की बात स्वीकारी है। वहीं गौरव केसवानी, जिसकी दवा बाजार में यति फार्मेसी नामक दवाई दुकान है, ने राजगढ़ और सागर में अपने बीस रिश्तेदारों और मित्रों को इंजेक्शन सप्लाय करने की बात स्वीकार की है। गौरव सागर का रहने वाला है और कई सालों से दवा बाजार में कारोबार कर रहा है। आनंद के बारे में बताया जा रहा है कि वह दवा बाजार की एक दुकान पर सेल्समैन है और 60 फीट रोड कालानी नगर में रहता है। कल इसके घर पर भी पुलिस ने छानबीन की थी।
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