इंदौर। महू के बडगोंदा थाना क्षेत्र (Badgonda police station area of Mhow) में एक आदिवासी युवती की मौत के बाद जमकर बवाल हो गया। आदिवसी युवती की मौत के बाद परिजन ने 15 मार्च, बुधवार की शाम डोंगरगांव चौकी के सामने शव रखकर जाम लगा दिया। करीब एक घंटे तक प्रदर्शन चला। इस दौरान गुस्साए लोगों ने पुलिस चौकी पर पथराव कर पुलिस की गाड़ियों में भी तोडफाड़ कर दी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े। लाठीचार्ज के साथ हवाई फायर (aerial fire) भी किए। बवाल के दौरान छह पुलिसकर्मी भी घायल हो गए हैं।
महू के बडगोंदा थाना क्षेत्र का है मामला
मामला महू के बडगोंदा थाना क्षेत्र का है। युवती की मौत के बाद परिजनों ने 15 मार्च, बुधवार शाम को डोंगरगांव चौकी के सामने युवती का शव रखकर जाम लगाया था। प्रदर्शन करने वालों को पुलिस की टीम करीब एक किमी तक खदेड़ कर वापस पुलिस चौकी पर आ गई थी। इसके बाद अब प्रदर्शन करने वाले पुलिस पर गोफन से हमला करने लगे।
है पूरा मामला
धार जिले के धामनोद क्षेत्र में रहने वाली युवती की बडगोंदा थाना क्षेत्र में संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। परिजनों का कहना है कि युवती की मौत एक दबंग युवक की प्रताड़ना के कारण हुई है। परिजनों ने पुलिस पर मामला दबाने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि पुलिस उनकी सुनवाई नहीं कर रही है।
युवती के परिजन ने लगाए आरोप
युवती की बुआ ने आरोप लगाया कि उसकी भतीजी के साथ पाटीदार समाज के युवकों ने गैंगरेप कर हत्या की है। पुलिस ने हमारी रिपोर्ट भी नहीं लिखी। युवती के मामा के बेटे ने आरोप लगाया कि उसकी बहन का मर्डर किया गया है। पुलिस ने उनसे सिर्फ इतना कहा कि आपकी बेटी की मौत हो गई है। पुलिस ने युवती का पोस्टमार्टम कराकर शव दे दिया। युवती के भाई ने किसी यदुनंदन परासिया का लेकर कहा कि वह उसकी बहन को अपनी पत्नी बता रहा है। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। वहीं पुलिस कर्मियों का कहना है कि युवती की मौत करंट लगने से हुई थी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं, तो वहीं आदिवासी की मृत्यु के मामले में पीसीसी अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर काग्रेस के आदिवासी विधायकों का दल घटनास्थल पर जांच के लिए रवाना हो गया है। जांच दल में कांतिलाल भूरिया, बाला बच्चन, झूमा सोलंकी और पाचीलाल मेड़ा शामिल हैं। इंदौर के प्रभारी महेंद्र जोशी भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। यह दल घटना की सच्चाई पता करेगा और पीड़ित लोगों से बातचीत करेगा। दल अपनी रिपोर्ट कमलनाथ को सौंपेगा।
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