इंदौर। शहर के बाद अब गांवों को स्वच्छता (Cleanliness) में रैंकिंग दिलाने में अधिकारी जुट गए हैं। भारत सरकार (Government of India) द्वारा वर्ष 2021 में सबसे स्वच्छ-सुंदर गांव की रैंकिंग करने के लिए गांव का स्वच्छता सर्वे किया जाएगा, जिसमें मुख्यत: पांच घटकों पर आमजन से चर्चा, भौतिक प्रत्यक्ष अवलोकन तथा सिटीजन फीडबैक आदि के ऊपर 1000 अंकों में से अधिकतम अंक पाने वाले ग्राम को स्वच्छता में देश स्तर पर रैंकिंग दी जाएगी।
इसी को लेकर जिला पंचायत (Zilla Panchayat) के अफसर इंदौर जिले (Indore District) की देपालपुर तहसील (Depalpur Tehsil) के गांव को देश स्तर पर रैंकिंग दिलाने के लिए सक्रियता से कार्य कर रहे हैं। जिला पंचायत सीईओ हिमांशु चंद्र (District Panchayat CEO Himanshu Chandra) सहित अन्य अधिकारी गांवों में पहुंचकर वहां किए जा रहे ठोस एवं तरल अपशिष्ट के प्रबंधन कार्य का निरीक्षण कर रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) के अंतर्गत 2014 से गांव में स्वच्छता में आए बदलाव को ग्रामीण अब भली-भांति समझने लगे हैं। अधिकारियों द्वारा गांव को गंदगीमुक्त करने के लिए प्रत्येक ग्राम में कूड़े, गोबर, घर से निकलने वाले जैव अपशिष्ट के निपटान के लिए नाडेप और गंदे पानी के उचित समाधान हेतु लीच पिट निर्माण पर जोर दिया जा रहा है।
घरों की दीवारों पर लिखा जा रहा स्वच्छता का संदेश
गांव को गंदगीमुक्त करने के लिए जनजागृति और अभियान तो चलाया ही जा रहा है, वहीं घरों की दीवारों पर स्वच्छता का संदेश भी लिखा जा रहा है। परियोजना अधिकारी मुकेश वर्मा (Project Officer Mukesh Verma) ने बताया कि जिन गांवों में स्वच्छता मिशन (Sanitation Mission) के अंतर्गत कार्य किए जा रहे हैं, वहां अधिकारियों ने पहुंचकर मौका निरीक्षण कर संबंधित ठेकेदारों को निर्देश दिए कि निर्माण कार्य में अच्छी क्वालिटी के मटेरियल का उपयोग करें।
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