इंदौर। कोविड काल में अस्थायी रूप से भर्ती की गई नर्सों, जिनमें पुरुष नर्स भी शामिल हैं, को अब बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है, जबकि नर्सों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि ऐसी अस्थायी नर्सों को अगर काम करते-करते 100 दिन हो गए हैं तो उन्हें स्थायी कर दिया जाए।
इंदौर के सरकारी अस्पतालों में कोविड काल के दौरान मेल और फीमेल नर्सों की भर्ती की गई थी, लेकिन अब इन्हें बाहर निकाला जा रहा है। इनमें सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में सेवाएं देने वाली 127 नर्सें भी शामिल हैं। इन सबका कहना हैकि अस्पताल प्रबंधन ने हमें अब काम नहीं होने का बहाना बनाकर बाहर कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब जब कोविड के मरीज ही नहीं बचे हैं तो आपकी जरूरत हमें नहीं है, जबकि हम पिछले कोविड काल से अपनी जान जोखिम में डालकर नौकरी कर रहे थे और कई तो संक्रमित भी हो गए थे। कल सभी नर्सें भाजपा कार्यालय पहुंचीं, जहां नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे को कहा कि हमें काम करते-करते 100 दिन हो गए हैं और हमें प्रधानमंत्री की घोषणा अनुसार स्थायी करना चाहिए। रणदिवे ने इस मामले में मुख्यमंत्री से बात करने का आश्वासन दिया है।
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