उज्जैन। भादौ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी ऋषि पंचमी के रूप में परंपरानुसार मनाई जा रही है। आज के दिन महिलाएँ व्रत रखकर वर्षभर में हुए ज्ञात अज्ञात दोषों के निवारण आंधी झाड़े से शिप्रा स्नान करती हैं और सप्त ऋषि मंदिरों में पूजन अर्चन कर कथा सुनती है। सुबह से यह क्रम चल रहा है।
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि एक दिन पहले गणेश चतुर्थी के अवसर पर भगवान श्री गणेश की स्थापना हुई और आज पंचमी तिथि के अवसर पर ऋषि पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। आज के दिन महिलाएँ व्रत रखती हैं और पूरे साल में हुए ज्ञात अज्ञात के दोषों के निवारण हेतु शिप्रा स्नान व सप्त ऋषियों का पूजन करती हैं तथा कथा सुनती हैं। आज सुबह से रामघाट पर महिलाओं द्वारा आंधी झाड़ा सिर पर रखकर शिप्रा स्नान किया जा रहा है।
इसके बाद यहाँ स्थित सप्त ऋषि मंदिर में विधि विधान से ऋषियों का पूजन किया जा रहा है और ऋषि पंचमी की कथा सुनी जा रही है। जूना महाकाल स्थित सप्त ऋषि मंदिर में भी महिलाओं की सुबह से भारी भीड़ उमड़ रही है और यहाँ पूजन अर्चन चल रहा है। इसी तरह गया कोठा स्थित सप्त ऋषि मंदिर में भी सुबह से दर्शन के लिए महिलाओं की कतारें लग रही हैं। आज के दिन सप्त ऋषि पूजन के साथ-साथ व्रत कर रही महिलाएँ मोरधन का सेवन करेंगी।
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