मुंबई। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने रविवार को संसद टीवी छोड़ दी। यह कदम उन्होंने राज्यसभा से निलंबन के विरोध में उठाया। चतुर्वेदी समेत 12 राज्यसभा सदस्यों को अनियंत्रित व्यवहार के कारण हाल ही में सभापति ने चालू सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किया है।
सांसद प्रियंका चतुर्वेदी संसद टीवी के शो ‘मेरी कहानी’ की एंकर थीं। पांच दिसंबर को राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू को लिखे पत्र में सांसद चतुर्वेदी ने लिखा ‘मेरे मनमाने निलंबन ने स्थापित संसदीय मानदंडों और नियमों का पूरी तरह से हनन किया है। यह कदम मेरी आवाज को दबाने के लिए, मेरी पार्टी की आवाज को चैंबर के अंदर रखने से रोकने के लिए उठाया गया। जब संविधान की मेरी प्राथमिक शपथ को पूरा करने से वंचित किया जा रहा है तो ऐसे में संसद टीवी में सेवाएं देने को तैयार नहीं हूं।’
अगस्त में संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में अमर्यादित व्यवहार करने के लिए विपक्ष के 12 सांसदों को सभापति नायडू ने निलंबित किया है। इनमें से छह कांग्रेस के, दो-दो शिवसेना व तृणमूल के और माकपा व भाकपा के एक-एक सदस्य शामिल हैं। यह कार्रवाई पिछले सोमवार को की गई थी। इन सभी सांसदों को पूरे चालू शीत सत्र के लिए निलंबित किया गया है। विपक्ष ने इस निलंबन को अलोकतांत्रिक व उच्च सदन के नियमों व प्रक्रिया के खिलाफ बताया है।
सभापति नायडू को लिखे पत्र में प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘यह निलंबन मेरे संसदीय ट्रैक रिकॉर्ड को खराब करने के लिए किया गया है।’ ‘मेरी कहानी’ कार्यक्रम का परोक्ष जिक्र करते हुए उन्होंने कहा ‘यह कदम महिला सांसदों को अपनी यात्रा साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करने के मेरे योगदान का अपमान करने के लिए भी उठाया गया है, जबकि यह पहल मैंने अपने कर्तव्यों से परे जाकर की। मैं इसे अन्याय मानती हूं, लेकिन सभापति की नजर में यह वैध है।’
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