नागौर: आज एक ऐसे विद्यालय से रुबरु करवाने जा रहे हैं जो सभी के लिए प्रेरणा है. दरअसल, यह कोई निजी विद्यालय नहीं है बल्कि यह एक राजकीय विद्यालय है. इस विद्यालय से शिक्षा अर्जित करने वाला हर तीसरा विद्यार्थी सरकारी सेवा में है. यह विद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में नागौर के बड़े-बड़े विद्यालयों को पीछे छोड़ रहा है. आसपास के इलाके में इस राजकीय विद्यालय की काफी चर्चा रहती है.
जिले में जारोड़ा गांव का राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय निजी स्कूलों की सुविधा पर भारी पड़ रहा है. इसी बदौलत यहां पर तेरह गांवों के 700 बच्चे अध्ययनरत हैं. रोचक बात तो यह है कि यहां से पढ़े हुए करीब 693 विद्यार्थी सरकारी नौकरियों में हैं. जिले के किसी विद्यालय का ऐसा रिकॉर्ड नहीं है. इसी के चलते इस सत्र में राज्य स्तर पर स्कूल को सम्मानित भी किया गया है.
2003 से यहां पर कोई छात्र नहीं हुआ फेल
यह विद्यालय 2003 से सीनियर सैकंडरी में क्रमोन्नत किया गया. 20 साल में आज तक कोई भी विद्यार्थी फेल नहीं हुआ है. इस विद्यालय में कला व विज्ञान संकाय में क्लास संचालित हो रही हैं. वहीं शिक्षा के साथ खेल, कलाकृति, विज्ञान की प्रतियोगिताओ में भी स्कूल के बच्चे राज्य स्तर पर मेडल प्राप्त कर चुके हैं.
अभिभावकों की जानकारी के बगैर बच्चे नहीं रहे सकते अनुपस्थित
इस विद्यालय में बच्चों के अनुशासन का ध्यान बहुत बारीकी से ध्यान रखा जाता है. यदि कोई बच्चा स्कूल में अनुपस्थित रहता है तो तुरंत पैरेन्टस को सूचना दी जाती है. हर एक बच्चे का ध्यान बारीकी से रखा जाता है, जिस कारण अनुशासन में विद्यालय की अलग पहचान बनी हुई है.
स्कूल से निकला हर तीसरा विद्यार्थी सरकारी सेवा में
इस विद्यालय का एक अनोखा रिकॉर्ड है, जो जिलें के किसी भी विद्यालय का नही हैं. 2005 से यहां पर 1869 विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं. जिसमें हर तीसरा विद्यार्थी सरकारी सेवा में है. अब तक यहां से 693 विद्यार्थी सरकारी सेवा में हैं. इनमें में से आरएएस, पीटीआई, शिक्षक, पुलिस व बाबू कई क्षेत्रों में सेवा दे रहे हैं. साथ ही पीएम श्री योजना के हर एक बिदुओं पर खरा उतरने के कारण इस योजना में विद्यालय का चयन हुआ है.
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