चंडीगढ़। पंजाब कैबिनेट (Punjab Cabinet) ने अनुकंपा के आधार पर कैबिनेट मंत्री गुरप्रीत कांगड़ (Cabinet Minister Gurpreet Kangar) के दामाद गुरशेर सिंह (Gursher Singh) को अनुकंपा (compassionate) के आधार (Aadhar) पर बतौर आबकारी एवं कराधान इंस्पेक्टर (Excise & Taxation Inspector) नियुक्त किए जाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी। हालांकि कैबिनेट ने यह भी कहा कि इस फैसले को एक ही बार दी गई राहत समझा जाएगा और इस मामले को प्रथा नहीं बनाया जाएगा। यह फैसला लेते ही प्रदेश सरकार (state government) विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई।
अकाली दल और आप ने जहां मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर भाई-भतीजावाद के आरोप लगाए तो वहीं कैप्टन की कैबिनेट के कई मंत्रियों ने भी इस फैसले पर ऐतराज जताया है। दो मंत्रियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि इस तरह नौकरी दिया जाना सही नहीं है। गुरशेर की आर्थिक स्थिति काफी अच्छी है और वह करोड़पति परिवार के संबंधित हैं। इन मंत्रियों ने कहा कि जरूरतमंद आवेदकों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
कैबिनेट ने इससे पहले दो कांग्रेस विधायकों फतेहजंग बाजवा और राकेश पांडे के बेटों को नौकरी देते समय भी ऐसा ही कहा था। दूसरी ओर, गुरप्रीत कांगड़ ने भी अपने दामाद को नौकरी दिलाने के लिए पिछले साल आवेदन किया था लेकिन कार्मिक विभाग ने गुरशेर के परिवार की आर्थिक स्थिति और अनुकंपा आधार पर नौकरी देने के नियमों का हवाला देते हुए नौकरी देने से इंकार कर दिया था। इसके बाद जब सरकार ने विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा और राकेश पांडे के बेटों को नौकरी दी तो कांगड़ ने एक बार फिर से अपने दामाद की नौकरी के लिए फाइल आगे बढ़ा दी।
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