इन्दौर (Indore)। भाजपा नेता रामकिशोर शुक्ला के कांग्रेस में आने के बाद महू में टिकट के सियासी समीकरण गड़बड़ाने की पूरी संभावना है। यहां से टिकट की दौड़ में तीन बार से हार रहे अंतरसिंह दरबार तो दावेदार हैं ही, वहीं जीतू ठाकुर और शक्तिसिंह भी यहां से दावेदारी कर रहे थे, लेकिन शुक्ला भी महू में दमदार नेता रहे हैं। राजनीतिक हलकों में कहा जा रहा है कि वे टिकट के आश्वासन पर ही कांग्रेस में वापस लौटे हैं। रामकिशोर शुक्ला उर्फ भैयाजी 2003 में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के बाद नाराज हो गए थे। इसी का फायदा भाजपा ने उठाया और 2005 में वे भाजपा में शमिल हो गए, तब से वे भाजपा में ही थे।
वर्तमान में वे विधायक उषा ठाकुर के विधायक प्रतिनिधि थे और पार्टी ने उन्हें जिला उपाध्यक्ष भी बनाया था। तब से वे भाजपा में ही थे। महू की राजनीति में प्रभाव होने के कारण कांग्रेस के नेता उन पर डोरे डाल रहे थे और भाजपा में भविष्य न देखते हुए उन्होंने कल कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। यहां से पिछले तीन चुनावों से अंतरसिंह दरबार को हार का मुंह देखना पड़ रहा है। पार्टी शुक्ला को यहां से चुनाव मैदान में उतार सकती है। कहा जा रहा है कि शुक्ला इसी शर्त पर कांग्रेस में शामिल हुए हैं। वहीं जीतू ठाकुर और शक्तिसिंह भी महू में सक्रिय हैं, लेकिन अब उनकी दाल गलते नहीं दिखाई दे रही है। ऐसे में टिकट के समीकरण पूरी तरह से गड़बड़ाए हुए हैं। टिकट किसको मिलेगा तो ये सूची घोषित होने पर ही पता चलेगा, लेकिन अब यह तो तय है कि महू में कांग्रेस की सियासी लड़ाई खेमों में बंटने वाली है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved