नई दिल्ली: पिछले एक महीने से नींबू की कीमतों (Neembu Price) के आसमान पर पहुंचने के बाद अब राहत की खबर आ रही है. रिटेल मार्केट में 400 रुपये किलोग्राम तक बिका नींबू थोक बाजारों में काफी सस्ता हो गया है. हालांकि रिटेल में अभी भी नींबू के महंगे दाम वसूले जा रहे हैं. आज के रेट की बात करें तो दिल्ली में नींबू के दाम (Lemon price) काफी गिर गए हैं. इसके साथ ही एशिया की सबसे बड़ी फल और सब्जी मंडी आजादपुर में नींबू भी पहले से ज्यादा मात्रा में पहुंच रहा है. लिहाजा मई-जून की गर्मी में नींबू से राहत मिलने की उम्मीद है.
दिल्ली की आजादपुर मंडी (Azadpur Mandi) में आज नींबू का थोक रेट (Neembu Wholesale Rate) 60 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक रहा है. नींबू के दामों में यह काफी बड़ी गिरावट है. जबकि पिछले हफ्ते तक इसी मंडी में नींबू थोक में 160 से 180 रुपये प्रति किग्रा तक बिक रहा था. यही वजह थी कि रिटेल मार्केट में नींबू (Neembu In Retail Market) की कीमतें अचानक आसमान छूने लगीं और नींबू ने फल और मेवाओं (Fruits and Dry Fruits) को पीछे छोड़ दिया. मंडी में नींबू के थोक विक्रेता ने बताया कि आज नींबू का रेट काफी टूटा है.
संभावना जताई जा रही है कि अगले कुछ दिनों तक नींबू का थोक रेट 50 रुपये प्रति किलोग्राम से भी नीचे पहुंच जाएगा. जैन का कहना है कि रमजान के महीने में नींबू की मांग काफी बढ़ी थी. इसके अलावा बाढ़ के चलते फसल को हुए नुकसान की वजह से नींबू की आवक कम थी. हालांकि अप्रैल-मई में नींबू की मांग और कीमत दोनों ही ऊंची होने के कारण आंध्र प्रदेश से ज्यादातर फसल यहीं भेजी जा रही है. इसके अलावा मंडी में तेलंगाना और कर्नाटक का भी माल आ रहा है. तीन राज्यों से माल आने के चलते आज नींबू का दाम काफी गिरा है.
आमतौर पर कर्नाटक (Karnataka) से मई के आखिर या जून के पहले हफ्ते में नींबू आना शुरू होता है लेकिन दाम ज्यादा चढ़ने के कारण अप्रैल के महीने से ही कर्नाटक से भी नींबू दिल्ली भेजा जा रहा है. हालांकि आंध्र और कर्नाटक के नींबू में बहुत मामूली अंतर होता है. हालांकि दिल्ली-गुरुग्राम सहित कई शहरों में रिटेल मंडियों में अभी भी नींबू 250 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जा रहा है. थोक में नींबू के दाम टूटने के बावजूद रिटेल विक्रेताओं की ओर से नींबू महंगा होने की दलीलें दी जा रही हैं. इसे लेकर विक्रेताओं का कहना है कि उन्होंने नींबू का स्टॉक किया हुआ है, वह महंगे दामों पर खरीदा हुआ है, लिहाजा उसी के अनुसार कीमत पर बेचना मजबूरी है.
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