नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (Indian Wrestling Federation) में जारी विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. देश के दिग्गज खिलाड़ियों की ओर से प्रतिष्ठित सम्मान को लौटाने का सिलसिला जारी है. पिछले दिनों साक्षी मलिक (Sakshi Malik) के कुश्ती से संन्यास (retirement from wrestling) और बजरंग पुनिया (Bajrang Punia) के पद्म श्री सम्मान (Padma Shri Award) लौटाने के ऐलान के बाद अब विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट (World Championship medalist Vinesh Phogat) ने आज शनिवार को अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार (Khel Ratna and Arjuna Award) लौटा दिया है.
पहलवान विनेश फोगाट सम्मान को वापस लौटाने के लिए कर्तव्य पथ पहुंचीं, लेकिन वह विजय चौक से आगे नहीं जा सकीं. ऐसे में विनेश अपना मेडल छोड़कर कर्तव्य पथ पर ही रखकर चली गईं. कुश्ती संघ और पहलवानों के बीच जारी विवाद के बीच विनेश ने यह सम्मान लौटाने का फैसला लिया है. इससे पहले विश्व चैंपियनशिप में देश के लिए पदक जीतने वाली विनेश फोगाट ने 5 दिन पहले मंगलवार को अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) को वापस लौटाने का ऐलान करते हुए यह भी कहा कि पहलवान जब न्याय पाने के लिए बुरी तरह से संघर्ष कर रहे हैं ऐसे में इस तरह के सम्मान हमारे लिए निरर्थक बन गए हैं.
विनेश ने पीएम मोदी को लिखे पत्र को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए कहा कि उनकी जिंदगी सरकार के उन फैंसी विज्ञापनों की तरह नहीं है जिनमें महिला सशक्तिकरण और उनके उत्थान की बात की जाती है. उन्होंने आगे कहा, “मुझे ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया था लेकिन अब इनका मेरी जिंदगी में कोई मतलब नहीं रह गया है. हर महिला सम्मान के साथ समाज में जीना चाहती है. इसलिए प्रधानमंत्री सर, मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार वापस करना चाहती हूं ताकि सम्मान से जीने की राह में ये हमारे लिए बोझ की तरह न रहें.”
पहलवान विनेश फोगाट को 3 साल पहले 2020 में भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न से सम्मानित किया गया था. इससे पहले उन्हें 2016 में अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. विनेश से पहले ओलंपिक में पदक जीतने वाले बजरंग पूनिया और डेफलंपिक्स के चैंपियन वीरेंदर सिंह यादव भी अपने-अपने पद्मश्री पुरस्कार लौटा चुके हैं.
पिछले दिनों संजय सिंह भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष चुने गए थे. बृजभूषण सिंह के करीबी कहे जाने वाले संजय के गुट ने चुनाव में 15 में से 13 पद जीत लिए थे. इस जीत के साथ ही विवाद शुरू हो गया. पहलवानों की ओर से यह मांग रखी गई थी कि बृजभूषण का कोई भी करीबी भारतीय कुश्ती महासंघ प्रशासन में नहीं होना चाहिए. हालांकि चुनाव में संजय सिंह की जीत के तुरंत बाद ही रियो ओलंपिक की कांस्य पदक जीतने वाली साक्षी मलिक ने खेल से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया. विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक की ओर से पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण पर कई महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाए गए हैं. फिलहाल मामला कोर्ट में है.
दूसरी ओर, खेल मंत्रालय ने चुनाव के बाद निर्वाचित पैनल को ही निलंबित कर दिया. मंत्रालय ने अहम फैसला लेते हुए अपने संविधान के प्रावधानों का पालन नहीं करने पर महासंघ के नवनिर्वाचित पैनल को निलंबित कर दिया था और भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) को कुश्ती के संचालन के लिए एक अस्थायी पैनल का गठन करने के लिए निर्देश दिया.
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