नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बिहार में ‘खेला’ हो चुका है और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार विपक्ष के गठबंधन ‘इंडिया’ को छोड़कर अब एनडीए के साथ आ गए हैं। लेकिन, ‘खेला’ अकेले बिहार में नहीं हुआ है, नीतीश कुमार को एनडीए में लाने के साथ-साथ दो और राज्यों- असम और जम्मू-कश्मीर में भी भाजपा ने इंडिया गठबंधन को तगड़ा झटका दिया है।
सबसे पहले बात करते हैं असम की, जहां हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाली गई। असम में रविवार को कांग्रेस को उस वक्त बहुत बड़ा झटका लगा, जब पार्टी के करीब 150 नेता-कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो गए। कांग्रेस के अलावा ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) के कार्यकर्ताओं ने भी भाजपा की सदस्यता ली।
असम में किस-किसने छोड़ी कांग्रेस?
भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष जीबा कांता गोगोई की बहू और पूर्व मंत्री बिस्मिता गोगोई, असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अंजन दत्ता की बेटी अंगकिता दत्ता और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के पूर्व अध्यक्ष दीपांका कुमार नाथ शामिल हैं। इन नेताओं ने भाजपा मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष भाबेश कलिता, मंत्री पीयूष हजारिका और जयंत मल्ला बरुआ की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता भाजपा में शामिल
विपक्षी गठबंधन इंडिया को दूसरा झटका जम्मू कश्मीर में लगा है, जहां रविवार को ही पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के कई कद्दावर नेता भाजपा में शामिल हुए। नेशनल कॉन्फ्रेंस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं में कठुआ (ग्रामीण) जिले के अध्यक्ष संजीव खजूरिया का नाम भी शामिल है।
‘जमीनी स्तर पर मिल रहा केंद्र की योजनाओं का लाभ’ संजीव खजूरिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं का लाभ, जमीनी स्तर पर हर तबके के लोगों को मिल रहा है और इसलिए वो अपने बाकी साथियों के साथ भाजपा की सदस्यता ले रहे हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के इन सभी नेताओं को जम्मू कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना ने पार्टी की सदस्यता दिलाई।
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