नई दिल्ली: भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी (Act East Policy) को एक और बड़ी जीत मिलने जा रही है. भारत, इंडोनेशिया को एंटी शिप वैरिएंट ब्रह्मोस मिसाइल बेचने जा रहा है. दोनों देशों के बीच यह सौदा इस साल के अंत तक हो सकता है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos supersonic cruise missile) के आयात के लिए इंडोनेशिया से बातचीत अंतिम चरण में है.
इस मिसाइल को भारत, रूस ने संयुक्त रूप से तैयार किया है. हालांकि, इस सौदे पर पहले ही हस्ताक्षर हो सकते थे लेकिन इंडोनेशिया के आंतरिक मामलों की वजह से इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत तक इस पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है. भारत से ब्रह्मोस मिसाइल का आयात करने वाला इंडोनेशिया आसियान का दूसरा देश होगा. इससे पहले फिलीपींस को यह मिसाइल भारत बेच चुका है.
2018 में इंडोनेशिया ने भारत से ब्रह्मोस खरीदने की इच्छा जताई थी
2018 में सबसे पहले यह रिपोर्ट सामने आई थी कि इंडोनेशिया उन देशों में शामिल है, जिसने भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने की इच्छा जताई है. जनवरी 2018 में नई दिल्ली में आसियान-भारत कॉमेमोरेटिव समिट (ASEAN-India Commemorative Summit) के दौरान आसियान देशों ने भारत से ब्रह्मोस और आकाश मिसाइल खरीदने की इच्छा जताई थी. इस साल की शुरुआत में भारत और फिलीपींस के बीच ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को लेकर 37.496 करोड़ डॉलर का समझौता हुआ था.
भारत से यह मिसाइल खरीदने वाला फिलीपींस पहला आसियान देश बना. भारत से जो ब्रह्मोस मिसाइल इंडोनेशिया आयात करने जा रहा है, उसे युद्धपोतों पर फिट किया जा सकता है. मिसाइल को युद्धपोतों पर फिट करने की संभावना का अध्ययन करने के लिए भारत और रूस की ब्रह्मोस एयरोस्पेस ज्वॉइन्ट वेंचर की एक टीम पहले ही इंडोनेशिया शिपयार्ड का दौरा कर चुकी है.
कई देशों की ब्रह्मोस खरीदने की इच्छा
बता दें कि ब्रह्मोस कम दूरी की रैमजेट सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. इसे एयरक्राफ्ट, जहाज, जमीन और पनडुब्बियों से लॉन्च किया जा सकता है. यह मिसाइल 2.8 मैक की गति से हमला कर सकती है, जो आवाज की गति के तीन गुना के समान है. ब्रह्मोस को 30 करोड़ डॉलर के बजट में तैयार किया गया है. इंडोनेशिया के अलावा मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम भी इसे खरीदने की इच्छा जता चुके हैं.
इससे पहले रिपोर्ट थी कि ब्रह्मोस और आकाश मिसाइलें खरीदने के लिए वियतनाम, भारत के साथ बातचीत कर रहा था. इसके अलावा मलेशिया के साथ भी बातचीत चल रही थी लेकिन ये फिलहाल अभी शुरुआती चरण में ही हैं. इंडोनेशिया के साथ भारत का यह सौदा साल के अंत या अगले साल की शुरुआत में हो सकता है. इससे भारत की इस क्षेत्र में रणनीतिक पकड़ मजबूत होगी.
भारत और इंडोनेशिया के बीच सैन्य सहयोग
भारत और इंडोनेशिया के द्विपक्षीय संबंध बीते कुछ सालों में मजबूत हुए हैं. भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी में इंडोनेशिया को महत्वपूर्ण साझेदार देश माना जा रहा है. 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंडोनेशिया दौरे के बाद दोनों देशों के बीच साझेदारी बढ़ गई थी.
दोनों देशों के बीच इस साझेदारी का मुख्य स्तंभ समुद्री सुरक्षा और रक्षा सहयोग पर आधारित है. 2018 में भारतीय नौसेना, इंडोनेशियाई नौसेना का द्विपक्षीय सैन्याभ्यास समुद्र शक्ति हुआ था. हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ रही उपस्थिति और नतूना द्वीप के पास चीन की गतिविधियां बढ़ने की वजह से भारत और इंडोनेशिया समुद्री सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है.
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