नई दिल्ली। इस्राइली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस पर उठे बवाल के बाद सरकारों ने प्रभावशाली लोगों की टोह लेना तो नहीं छोड़ा है लेकिन इस काम के लिए सॉफ्टवेयर नया ढूंढ लिया है। लोगों की जासूसी के लिए एक और सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किए जाने का खुलासा हुआ है। एक साइबर सुरक्षा कंपनी ने खुलासा किया है कि कई देशों की सरकारें हर्मिट नामक इस स्पाइवेयर का जासूसी में इस्तेमाल कर रहीं हैं। राजनेता, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, पत्रकार, मानवाधिकार कार्यकर्ता, शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े लोग और कारोबारी इस स्पाइवेयर के निशाने पर हैं।
लुकआउट थ्रेट लैब नामक इस कंपनी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अध्ययनकर्ताओं ने पहली बार कजाखस्तान में इसका इस्तेमाल होता पाया। कजाखस्तान में सरकारी नीतियों के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरे हुए थे। इस आंदोलन को कजाख सरकार ने बलपूर्वक दबा दिया था। तभी से कजाख सरकार लोगों की जासूसी के लिए हर्मिट स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर रही है। इसके अलावा सीरिया और इटली में भी यूजर्स के फोन में यह एंड्रॉयड आधारित सॉफ्टवेयर देखा गया।
ऐसे करता है काम
इतालवी कंपनी ने किया तैयार
शोधकर्ता ने अपने ब्लॉग में बताया, हर्मिट स्पाइवेयर इटली स्पाइवेयर वेंडर आरसीएस लैब और टेलीकम्युनिकेशन सॉल्यूशन कंपनी ताइकेलैब एसआरएल ने तैयार किया है। ब्लॉग के मुताबिक, इटली सरकार ने 2019 में इसका इस्तेमाल भ्रष्टाचाररोधी अभियान के लिए किया था। आरसीएस लैब करीब 30 साल से सक्रिय है और यह पेगासस बनाने वाली इस्राइली फर्म एनएसओ ग्रुप और फिनफिशर बनाने वाले गामा ग्रुप के क्षेत्र में ही काम करती है। आरसीएस लैब के संबंध पाकिस्तान, चिली, मंगोलिया, बांग्लादेश, वियतनाम, म्यांमार और तुर्कमेनिस्तान की सैन्य और और इंटैलिजेंस एजेंसियों से रहे हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved