उधमपुर. जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) के उधमपुर (Udhampur) में गुरुवार को सुरक्षाबलों (security forces) और आतंकियों (terrorists) के बीच मुठभेड़ हो रही है. इस मुठभेड़ में सेना का एक जवान शहीद हो गया है.
#OpBirliGali
Based on specific intelligence, a joint operation with @JmuKmrPolice was launched today in #Basantgarh, #Udhampur.
Contact was established and a fierce firefight ensued.One of our #Bravehearts sustained grievous injuries in the initial exchange and later succumbed… pic.twitter.com/eojsj5PPuU
— White Knight Corps (@Whiteknight_IA) April 24, 2025
व्हाइट नाइट कोर की ओर से किए सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर आज बसंतगढ़, उधमपुर में जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया। संपर्क स्थापित किया गया, और भीषण गोलीबारी शुरू हुई। हमारे एक जवान को शुरुआती मुठभेड़ में गंभीर चोटें आईं और बाद में बेहतरीन चिकित्सा प्रयासों के बावजूद जवान बलिदान हो गया। अभियान अभी भी जारी है।
पहलगाम के बायसरन में हमलावरों को मार गिराने के लिए सुरक्षाबल पहलगाम के बायसरन इलाके में व्यापक तलाशी अभियान चला रहे हैं। भारतीय सेना ने आतंकवादियों को पकड़ने के लिए पुंछ के लसाना वन क्षेत्र में जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) के साथ संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया है। जम्मू कश्मीर में बड़े स्तर पर तलाशी अभियान चला रही है।
पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमला, 26 की नृशंस हत्या
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी। सेना की वर्दी में आए दहशतगर्दों ने पहलगाम की बायसरन घाटी में पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा, परिचय पत्र देखे और फिर हिंदू हो कहकर गोली मार दी। 26 मृतकों में ज्यादातर पर्यटक हैं, जबकि दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं।
टीआरएफ ने ली हमले की जिम्मेदारी
हमले में करीब 14 लोग घायल हुए हैं। वहीं, सुरक्षा एजेंसियों ने देर रात कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है। तीन जुलाई से शुरू होने जा रही श्रीअमरनाथ यात्रा से पहले इस कायराना हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा से जुड़े गुट द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। फरवरी, 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है। उस हमले में सीआरपीएफ के 47 जवान मारे गए थे।
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