लखनऊ: देश में विधानसभा चुनावों का शोर जोरों पर है. पांच राज्यों में हो रहे चुनावों में 2024 की सियासी चाय भी उबल रही है. ऐसे में इन चुनावों ने लोकसभा चुनाव के लिए एकमंच पर आए विपक्षी दलों में भी टकराव पैदा हो गया है. आलम यह है कि जनसभाओं में इंडी गठबन्धन के दल एक-दूसरे के खिलाफ जमकर निशाना साध रहे हैं. ख़ासकर, कांग्रेस और सपा की मध्यप्रदेश में एक-दूसरे पर हो रही तीखी बयानबाज़ी सुर्खियां बटोर रही हैं. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव खुद मध्यप्रदेश में डेरा डाले हुए हैं, वहीं अब राजस्थान में भी कांग्रेस की पोल खोलने को मैदान में उतरने वाले हैं.
मध्यप्रदेश में सीटों के बंटवारे पर सपा-कांग्रेस में ठन गई थी. लिहाजा, दोनों दलों ने एक-दूसरे के खिलाफ ही ताल ठोंक दी है. मध्यप्रदेश में 6 सीट मांग रही सपा ने 74 सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए. साथ ही सपा मुखिया अखिलेश यादव खुद मैदान में डटे हैं. हर रोज जनसभाएं कर कांग्रेस को धोखेबाज करार दे रहे हैं. साथ ही उसे वोट न देने की भी अपील कर रहे हैं. उधर, मध्यप्रदेश के टकराव का असर अब राजस्थान में भी दिखने वाला है. यहां भी समाजवादी पार्टी ने 5 सीटों पर प्रत्याशी मैदान में उतार दिये हैं. साथ ही सपा मुखिया अखिलेश यादव के राजस्थान में भी जनसभाओं का प्लान तैयार हो रहा है.
इन सीटों पर लड़ रही सपा
सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी के मुताबिक राजस्थान की पांच सीटों पर चुनाव लड़ रही है. सपा राजस्थान के अलवर जिले की राजगढ़-लक्ष्मणगढ़, थानागाजी, धौलपुर, भरतपुर की नदबई और नगर सीट पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. यहां पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जनसभाओं का प्लान भी बन रहा है. जल्द ही कार्यक्रम घोषित कर दिया जाएगा.
इस बार 51 लाख से ज्यादा बढ़े मतदाता
राजस्थान में इस बार 5 करोड़ 29 लाख 31 हजार 152 मतदाता मतदान कर सकेंगे. 2018 के विधानसभा चुनाव से इस बार 51 लाख 42 हजार 152 मतदाता अधिक है. यहां सपा पिछले चुनाव में भी 5 सीटों पर लड़ा था, लेकिन कोई सफलता हासिल नहीं हुई थी. पिछले चुनावों में समाजवादी पार्टी को 7.56 फीसदी मत हासिल किए थे. इससे पहले 2008 में समाजवादी पार्टी को एक सीट पर जीत मिली थी.
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