चंडीगढ़। किसान नेताओं (Farm Leaders) ने शुक्रवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) के घर पर लंबी मीटिंग की, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। किसानों पर दर्ज मामले वापस लेने समेत किसानों की मांगों को लेकर हरियाणा सरकार ने किसान नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया था।
चंडीगढ़ में शाम 5 बजे शुरू ये बैठक लगभग रात 9 बजे खत्म हुई। इतनी लंबी बैठक के बाद भी कोई सहमति नहीं बन सकी। इस मीटिंग के हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी (Gurnam Singh Chadhuni) ने कहा कि इतनी लंबी बैठक के बाद भी कोई सहमति नहीं बनी है। सरकार ने न तो नर्मी दिखाई और न ही गर्मी।
उन्होंने बताया कि शनिवार को होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukta Kisan Morcha) की बैठक में आगे की रणनीति पर फैसला होगा। ये बैठक सिंघु बॉर्डर पर होगी और इसमें किसान आंदोलन (Farmers Protest) की आगे की रणनीति तय होगी।
उन्होंने बताया कि राज्य में किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस हों। आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के परिजनों को मुआवजा और सरकारी नौकरी मिले और कुंडली बॉर्डर पर स्मारक बनाए जाए, ये हमारी मांगें है।
ये पूछे जाने पर क्या मांगें पूरी नहीं हुई, इस पर चढ़ूनी ने कहा, ‘हमें सरकार की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। बातचीत खत्म हो गई है और अब SKM की बैठक में आगे की रणनीति तय होगी।’ सरकार के रवैये के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘न तो नरम था और न ही सख्त, लेकिन कोई सहमति नहीं बनी है।’
इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि वो किसानों की मांगों से पर विचार करने के लिए नेताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित करेंगे। इसके बाद माना जा रहा था कि राज्य सरकार किसानों को लेकर कोई फैसला ले सकती है। हालांकि, किसान नेताओं और सरकार के बीच हुई बातचीत बेनतीजा ही रही।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved