पहली बार इतनी बड़ी संख्या में बनाए हैं कार्यकारी अध्यक्ष, अभी अल्पसंख्यकों में से भी एक अध्यक्ष मिलने की संभावना
इंदौर। सबकुछ लुटाकर होश में आए तो क्या किया…गीतों की ये पंक्तियां कांग्रेस पर साबित होती दिख रही है। कल प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (Kamalnath) के निर्देश पर संगठन प्रभारी राजीव सिंह (Rajeev Singh) ने इंदौर (Indore) में एक-दो नहीं, बल्कि पूरे 6-6 कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति कर डाली। यह पहली ही बार है कि कांग्रेस ने किसी जिले में इतनी बड़ी संख्या में कार्यकारी अध्यक्ष बनाए हैं। हालांकि कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के पहले संगठन को मजबूत करने की दृष्टि से ये नियुक्तियां की गई हैं।
6 महीने पहले इंदौर में सुरजीतसिंह चड्ढा की नियुक्ति होने के बाद एक नंबर विधानसभा से गोलू अग्रिहोत्री की कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति की थी। हालांकि गोलू शहर अध्यक्ष की दौड़ में थे, लेकिन उन्हें कार्यकारी के रूप में संतोष करना पड़ा। गोलू चाहते थे कि वे अकेले ही कार्यकारी अध्यक्ष रहेंगे और हुआ भी यूं ही, लेकिन विधानसभा चुनाव में बुरी तरह मात खाने के बाद कांग्रेस के आला नेतृत्व को संगठन की मजबूती की याद आई और कल धड़ाधड़ एक के बाद एक कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति कर डाली। संगठन में लंबे समय से सक्रिय मोर्चा-प्रकोष्ठ प्रभारी देवेन्द्रसिंह यादव को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं प्रदेश में पद देने के बाद भी अरविन्द बागड़ी की नियुक्ति कार्यकारी अध्यक्ष पद पर की गई है। पांच नंबर से अमन बजाज को लिया गया है। बजाज भी अध्यक्ष की दौड़ में थे और विधानसभा टिकट के लिए भी दावेदारी कर रहे थे, लेकिन उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष पद से संतोष करना पड़ा। इसके अलावा अंकित खड़ायता, लक्ष्मीनारायण मिमरोट को भी कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर उनका कद बढ़ाया गया है। इंदौर में अब 6 कार्यकारी अध्यक्ष और 1 अध्यक्ष हो गए हैं। सूत्रों का कहना है कि अभी अल्पसंख्यकों में से भी एक कार्यकारी अध्यक्ष लिया जा सकता है।
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