नई दिल्ली (New Dehli)। लंदन (London)में रह रहे भारतीय मूल के शादीशुदा (Married)कपल को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। दोनों को इंग्लैंड (England)से ऑस्ट्रेलिया तक 57 मिलियन पाउंड (600 करोड़ रुपये) की ड्रग्स की तस्करी करने का दोषी ठहराया गया है। हैरान करने वाली बात ये है कि इस दंपति पर गुजरात में दोहरे हत्याकांड का आरोप है। भारत की तमाम गुजारिशों के बावजूद ब्रिटेन की अदालतों ने उन्हें प्रत्यर्पित करने से इनकार कर दिया था। अब वे सोमवार को लंदन से सिडनी की कॉमर्शियल फ्लाइट्स के जरिए 600 करोड़ रुपये के मूल्य की कोकीन की तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग के दोषी ठहराए गए हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, नैरोबी में जन्मी 59 वर्षीय ब्रिटिश भारतीय आरती धीर का परिवार पंजाब के गुरदासपुर से है। महिला का 35 वर्षीय पति कवलजीतसिंह रायजादा, गुजरात के केशोद का रहने वाला है। वह एक भारतीय नागरिक है और दोनों हनवेल (इंग्लैंड) में रहते हैं। उनको 514 किलोग्राम कोकीन ऑस्ट्रेलिया भेजने का दोषी ठहराया गया है। राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (एनसीए) की जांच में पाया गया है कि वे एक कंपनी के जरिए ये ड्रग्स भेज रहे थे। उन्होंने मेटल के टूलबॉक्स में छिपाकर विमान से कोकीन भेजी थी।
मई 2021 में कोकीन सिडनी पहुंची थी। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई सीमा बल ने जांच शुरू की और इसी दंपति को इस बड़े कांड के पीछे पाया। अधिकारियों को पता चला कि यह खेप आरती धीर और रायजादा के पास से आई थी। उन्होंने ड्रग्स की तस्करी के एकमात्र उद्देश्य से विफ्लाई फ्रेट सर्विसेज नामक एक फ्रंट कंपनी की स्थापना की थी।
रायजादा की उंगलियों के निशान प्लास्टिक रैपिंग पर पाए गए थे। वहीं जिन टूलबॉक्स में ड्रग्स छिपाई गई थी की रसीदें दंपति के घर से मिलीं हैं। धीर और रायजादा दोनों लंदन के हीथ्रो में एक फ्लाइट सर्विस कंपनी में काम करते थे। इसी का फायदा उठाते हुए उन्होंने अपनी आपराधिक गतिविधियों अंजाम दिया। गिरफ्तार किए जाने के बाद जांच अधिकारियों को उनके घर पर लाखों पाउंड कैश और सोने की परत चढ़ी चांदी की छड़ें मिलीं हैं।
साउथवार्क क्राउन कोर्ट की अदालत ने उन्हें ड्रग्स निर्यात के 12 मामलों और मनी लॉन्ड्रिंग के 18 मामलों में दोषी ठहराया था। हालांकि धीर और रायजादा ने आरोपों से इनकार किया है। अब एनसीए उनके खिलाफ अवैध रूप से अर्जित संपत्ति को जब्त करने की कार्यवाही शुरू करेगा।
भारत ने 2019 में गुजरात में दोहरे हत्याकांड के आरोप का सामना करने के लिए दंपति के प्रत्यर्पण की कोशिश की थी। दंपति पर नीतीश मुंड के साथ मिलकर 12 वर्षीय अनाथ गोपाल सेजानी और अपने बहनोई हरसुखभाई छगनभाई करदानी की गुजरात में हत्या की साजिश रचने का आरोप है। गोपाल सेजानी को धीर ने 2015 में गोद लिया था। आरती धीर ने गोपाल के लिए 1.3 करोड़ रुपये की बीमा पॉलिसी ली थी। इसी के पैसे क्लेम करने के लिए दोनों ने कथित तौर पर लड़के की हत्या कर दी थी।
8 फरवरी, 2017 को गोपाल और करादानी पर जूनागढ़ के केशोद में दो नकाबपोश हत्यारों ने हमला किया था। बाद में अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई। धीर और रायजादा पर आरोप है कि उन्होंने हत्यारों को हायर करने के लिए मुंड को 5 लाख रुपए दिए थे। 2 जुलाई, 2019 को, लंदन की अदालत ने उनके प्रत्यर्पण अनुरोध को खारिज कर दिया था।
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