कोयंबटूर। कोरोना संक्रमण के बीच निपाह वायरस ने केंद्र सरकार के कान खड़े कर दिए हैं। अब केरल के बाद तमिलनाडु में भी निपाह वायरस की पुष्टि हुई है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कोयंबटूर के जिला कंट्रोलर डॉ. जीएस समीरन ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पहला मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है और सभी जरूरी उपायों को अपनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में तेज बुखार के मरीजों की पूरी जांच की जा रही है।
Tamil Nadu | One case of Nipha virus has been identified in the district. We are taking all precautions. Anyone who comes to a government hospital with a high fever will be tested properly: Dr. GS Sameeran, District Collector, Coimbatore pic.twitter.com/QFswyv4nmo
— ANI (@ANI) September 6, 2021
केरल में भी मामला आया था सामने
इससे पहले केरल के कोझीडोड में भी 12 वर्षीय लड़के की निपाह वायरस के कारण मौत हो गई थी। इसके बाद केंद्रीय टीम ने उसके घर का दौरा कर सैंपल लिए थे। बताया जा रहा है कि लड़के के संपर्क में 188 लोग आए थे। इसमें दो में वायरस के लक्षण मिले हैं।
2018 में 17 की गई थी जान, 2019 में फैला था
19 मई 2018 में भी निपाह का पहला मामला कोझिकोड जिले में ही मिला था। एक जून 2018 तक प्रदेश में इस संक्रमण से 17 की मौत हुईं थीं और 18 मामलों की पुष्टि हुई थी। हालांकि 10 जून को इस संक्रमण के खत्म होने का एलान किया गया था। इसके बाद जून 2019 में कोच्चि में निपाह का एक मामला मिला था। इससे संक्रमित 23 वर्षीय छात्र बाद में स्वस्थ हो गया।
काफी खतरनाक है
विशेषज्ञों के मुताबिक, निपाह वायरस काफी खतरनाक है और इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों में 40 से 75 फीसदी तक की मौत हो जाती है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इसका कोई इलाज भी नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने निपाह वायरस को दुनिया के 10 सबसे खतरनाक वायरस की सूची में शामिल किया है।
संक्रामक समय बहुत लंबा है
निपाह वायरस के खतरनाक होने के और भी कई कारण हैं। इसका इंक्यूबेशन पीरियड यानी संक्रामक समय बहुत लंबा होता है। कभी-कभी तो 45 दिन। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हो जाता है, तो उसे इस बारे में पता ही नहीं चलता और ऐसे में वह इस वायरस को और भी लोगों में फैला चुका होता है।
ये हैं लक्षण
संक्रमित मरीजों में तेज बुखार, खांसी, थकान, सांस लेने में तकलीफ, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द और एनसेफिलाइटिस जैसे लक्षण दिख सकते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि एनसेफिलाइटिस होने पर दिमाग में सूजन आ जाती है और ऐसे में मरीज की मौत तक हो सकती है। इस बच्चे को भी एनसेफिलाइटिस हुआ जिसकी वजह से उसकी अस्पताल में भर्ती होने के तीसरे दिन मौत हो गई।
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