नई दिल्ली (New Delhi)। कोरोना वायरस (corona virus) के नए सब-वेरिएंट जेएन.1 (JN.1) के भारत में तेजी से दस्तक देने के बाद केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है। केंद्र सरकार ने कोरोना (corona virus) को लेकर राज्य सरकारों को अलर्ट जारी किया है और राज्यों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक करने जा रही है। वहीं केरल में एक दिन में कोरोना के 115 मामले सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। केरल में देखते ही देखते कोरोना के नए वेरिएंट के चपेट में 1700 से अधिक मामले सामने आ चुके है।
‘केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय’ के मुताबिक रविवार को एक बार फिर कोरोना के मामले में अचानक से तेजी देखने को मिली है. रविवार के दिन 335 नए कोविड के मामले दर्द किए गए हैं. जिसके बाद एक्टिव केसों की संख्या 1700 के पार पहुंच चुकी है.
इसी बीच केरल से खबर आ रही है कि वह पर कोरोना का नया वेरिएंट JN.1 के मामले मिले है. एक बार फिर से कोरोनावायरस का डर सता रहा है. 24 घंटे में 300 नए केस सामने आए है.वहीं संक्रमण में 5 लोगों की मौत हो गई. रिपोर्ट के मुताबिक मरने वालों में से 4 लोग सिर्फ केरल के हैं. केरल में की खबर इसलिए ज्यादा डराने वाली है क्योंकि वह पर कोरोना का नया वेरिएंट JN.1 के मामले मिले है.
केरल जैसे राज्यों में सीओवीआईडी -19 मामलों में मामूली वृद्धि को स्वीकार करते हुए, पंत ने 8 दिसंबर को केरल में जेएन.1 उप-संस्करण के भारत के पहले मामले का पता चलने का उल्लेख किया. त्योहारी सीजन के साथ, उन्होंने राज्यों से आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य लागू करने का आग्रह किया. ताकि संक्रमित लोगों की संख्या में वृद्धि न हो.
राज्यों से विशेष रूप से केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई COVID-19 के लिए संशोधित निगरानी रणनीति के लिए विस्तृत परिचालन दिशानिर्देशों का पालन करने का आग्रह किया गया. बढ़ती प्रवृत्तियों का शीघ्र पता लगाने के लिए इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के जिलेवार मामलों की निगरानी और रिपोर्टिंग की सिफारिश की गई थी.
कोरोना के न्यू वेरिएंट के लक्षण कुछ ऐसे हैं
मरीजों ने बुखार, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द और, कुछ मामलों में, हल्के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मुद्दों जैसे लक्षणों की सूचना दी है. एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के गंगा राम अस्पताल में चेस्ट मेडिसिन के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. उज्ज्वल प्रकाश के अनुसार, इस किस्म के विकास ने लोगों को सतर्क रहने के लिए प्रेरित किया है, लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है. आपको अधिक सावधानी बरतनी चाहिए. मुझे नहीं लगता कि घबराने की या सतर्क रहने के अलावा कोई और कदम उठाने की जरूरत है. डॉक्टर ने आगे कहा, अधिकांश रोगियों में ऊपरी श्वसन संबंधी हल्के लक्षण होते हैं जो चार से पांच दिनों में ठीक हो जाते हैं.
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