जबलपुर। जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल (New Life Multi Specialist Hospital in Jabalpur) में हुए हादसे की घटना के बाद जिला प्रशासन (district administration) निजी अस्पतालों में फायर, इलेक्ट्रिकल और बिल्डिंग रूल्स को लेकर सख्त हो गया है। प्रोविजनल फायर एनओसी लैप्स (Provisional Fire NOC Lapses) होने जाने के कारण 28 अस्पतालों के लाईसेंस निरस्त (license revoked) किए गए है। अनियमिताएं पाने जाने वाले अस्पतालों को नोटिस (notice to hospitals) जारी करते हुए कमियों को दूर करने के लिए एक माह का समय दिया गया है।
बता दें कि न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में 2 अगस्त को आग लग गई थी। जिसमें 8 की मौत हो गई और 12 से अधिक झुलस गए थे। हादसे के बाद अलर्ट हुई सरकार ने निजी अस्पतालों की जांच के आदेश किए गए। एडीएम सोनिला सिडाना ने बताया कि 3 अगस्त को प्रदेश सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर प्रोविजनल फायर एनओसी की व्यवस्था को खत्म कर दिया गया।
निजी अस्पतालों में एक सितंबर से पहले तीन साल के लिए टेम्पररी फायर एनओसी लेने आवश्यक किया। प्रोविजनल फायर एनओसी व्यवस्था लागू होने की वजह से 59 अस्पतालों को एक माह में टेम्पररी फायर एनओसी लेने नोटिस जारी किए गए है। इसके अलावा इलेक्ट्रिकल ऑडिट व बिल्डिग रूल्स का पालन नहीं करने के कारण अस्पतालों को नोटिस जारी किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में फायर, इलेक्ट्रिकल तथा बिल्डिंग रूल्स की जांच जारी है। इसके बाद अस्पतालों में कार्यरत कर्मचारियों की योग्यता के संबंध में जांच की जाएगी। अधिकांश अस्पतालों में अयोग्य कर्मचारियों व डॉक्टरों द्वारा उपचार किए जाने की शिकायत मिली है।
सीएचएमओ और प्रदेश सरकार की तरफ से हादसे की जांच के लिए गठित चार सदस्यीय टीम के सदस्य डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्टिपल का निरीक्षण कर लाइसेंस देने की सिफारिश करने वाले तीन सदस्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। सोनाग्राफी के लिए पीसीपीएनटी, एक्स-रे के लिए एईआरबी लाइसेंस, लिफ्ट लाइसेंस फायर एनओसी समेत अन्य निर्धारित मापदंड का पालन नहीं करने पर 108 निजी अस्पतालों को नोटिस जारी किए गए है। साथ ही उन्हें मापदंड पूरा करने के लिए एक माह का समय दिया गया है।
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