वॉशिंगटन (Washington)। इजरायल (Israel) ने पिछले दिनों सीरिया में स्थित ईरान के राजनयिक दफ्तर (Iran’s diplomatic office in Syria) पर जोरदार एयरस्ट्राइक (Strong airstrike) की थी। इस हमले में ईरान के एक टॉप जनरल समेत 12 लोग मारे गए थे। इसके बाद ईरान ने बदला लेने की धमकी दी है और कहा है कि इजरायल पर हमला किया जाएगा। उसकी इस धमकी से सुपरपावर कहे जाने वाले अमेरिका की भी नींद उड़ गई है। अमेरिका (America) ने अब अपने नागरिकों तक के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है और कहा है कि वे इजरायल जाने से परहेज (avoid going to israel) करें। ऐसा इसलिए क्योंकि वहां किसी भी वक्त ईरान का अटैक हो सकता है।
इसके अलावा अमेरिका ने अपने दूतावास के स्टाफ से भी कहा है कि ग्रेटर येरूशलम, तेल अवीव से बाहर यात्रा न करें। इसकी वजह यह है कि दोनों प्रमुख शहरों में इजरायल के मजबूत सुरक्षा बंदोबस्त हैं, लेकिन सुदूर इलाकों में ईरान के हमले से नुकसान हो सकता है। यही नहीं इस मामले में ब्रिटेन तक ने दखल दिया है और उसके विदेश मंत्री लॉर्ड कैमरून ने ईरान से कहा है कि वह हमला करने से परहेज करे। इजरायल ने अब तक सीरिया में हुए हमले की न तो जिम्मेदारी ली है और ना ही खंड किया है। ऐसे में ईरान का दावा और मजबूत हो रहा है कि यहूदी मुल्क ने ही अटैक किया था।
दरअसल इजरायल और ईरान की तनातनी ने युद्ध के दूसरे देशों में भी फैलने का डर बढ़ा दिया है। अब तक की जंग इजरायल और हमास के बीच ही थी। अब यदि ईरान इसमें सीधे तौर पर उतरता है तो कुछ और शक्तियां इजरायल का समर्थन कर सकती हैं। ऐसी स्थिति गंभीर संकट की ओर ले जा सकती है। यही नहीं कुछ विश्लेषक मानते हैं कि ऐसे ही रार बढ़ी तो हालात विश्व युद्ध के भी बन सकते हैं। इस जंग में ईरान और इजरायल के टकराव की आशंका बढ़ने की कुछ वजहें भी हैं। एक तरफ ईरान को लेकर माना जाता है कि वह हमास और हिजबुल्लाह का समर्थन करता है और उन्हें हथियार तक मुहैया कराता है।
वहीं इजरायल की कोशिश है कि सीरिया, इराक जैसे देशों में ईरान का असर कम किया जाए। इजरायल की ओर से किए गए हमले की भी यही वजह मानी जाती है। इस हमले में ईरान की कुद्स फोर्स के सीनियर कमांडर मारे गए थे, जो लेबनान और सीरिया में ऑपरेशंस की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। यह हमला ऐसे वक्त में हुआ, जब पूरी दुनिया में पहले ही गाजा की जंग को लेकर चिंता है। खासतौर पर मुस्लिम देशों में तो ईद के मौके पर भी फिलिस्तीन के लिए दुआएं मांगी गईं और इजरायल विरोधी प्रदर्शन हुए। अब तक गाजा पट्टी में इजरायली हमलों के चलते करीब 34 हजार लोग मारे गए हैं।
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