इंदौर। इंदौर (Indore) के कुछ वार्डों (Wards) में रोटेशन प्रक्रिया (Rotation Process) का पालन नहीं करने को लेकर लगाई गई याचिका में कोर्ट (court) ने आरक्षण निरस्त (reservation canceled) कर दिया है। इसके बाद अब याचिकाकर्ता द्वारा 15 अन्य निकायों के वार्डों के आरक्षण (reservation) को लेकर भी याचिका लगाई जा रही है, जहां रोटेशन प्रक्रिया का पालन नहीं हो पाया है।
पिछले दिनों ही उच्च न्यायालय (high court) की इंदौर खंडपीठ द्वारा इंदौर नगर निगम (Indore Municipal Corporation) के वार्डों में आरक्षण को लेकर लगाई गई याचिका के मामले में फैसला आया था। यह याचिका युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयेश गुरनानी और दिलीप कौशल (National Spokesperson Jayesh Gurnani, Dilip Kaushal) द्वारा लगाई गई थी। उन्होंने निगम के उन वार्डों में आरक्षण प्रक्रिया पर सवाल उठाया था, जहां रोटेशन प्रक्रिया नहीं अपनाई गई, जबकि सभी वार्डों में रोटेशन प्रक्रिया अपनाई जाना थी। अब एक बार फिर निगम के वार्डों का आरक्षण होगा। इसकी जानकारी जब गुरनानी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को दी तो उन्होंने कहा कि प्रदेश के 15 नगरीय निकायों में उन वार्डों को चिह्नित करें, जहां रोटेशन पद्धति का पालन नहीं किया गया है और उस पर याचिका लगाएं।
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