- देवास से निकलने वाली शिप्रा नदी के आसपास नालों से अतिक्रमण हटाकर वृक्ष लगाए जाएँगे
- पंचायत स्तर पर अलग अलग गाँवों में लगाई जा रही है जन चौपाल..पहली बार 109 दल गठित
उज्जैन। शिप्रा नदी के शुद्धिकरण को लेकर देवास कलेक्टर ऋषभ गुप्ता ने भी बड़ी पहल की है। उन्होंने शिप्रा नदी के आसपास बसे गाँव कैलोद, रूद्रवासा सहित ग्रामीण इलाकों में लोगों को जागरूक किया है।
उज्जैन की पवित्र शिप्रा नदी के शुद्धिकरण को लेकर अब देवास जिले में भी कलेक्टर ऋषभ गुप्ता द्वारा जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस कड़ी में कलेक्टर ने आला अधिकारियों के साथ अलग-अलग गाँव का निरीक्षण किया और लोगों को शिप्रा शुद्धिकरण के प्रति जागरूक किया। शिप्रा शुद्धिकरण के लिए एक नया प्लान बनाया गया है जिसमें पंचायत स्तर पर दल गठित किए गए हैं। इसके अलावा अतिक्रमण हटाने और प्लांटेशन करने का भी नया प्लान भी तैयार किया गया है। सिंहस्थ महापर्व पर जिस शिप्रा नदी में लाखों साधु संतों का स्नान होता है वह शिप्रा नदी देवास जिले से होकर भी उज्जैन पहुँचती है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन शिप्रा शुद्धिकरण को लेकर बड़ा प्लान तैयार किया है। शिप्रा नदी में इंदौर से मिलने वाला केमिकल युक्त जल भी रोका जा रहा है। इसी कड़ी में देवास कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने भी बड़ी पहल की है। उन्होंने शिप्रा नदी के आसपास बसे कैलोद, रूद्रवासा सहित ग्रामीण इलाकों में जाकर लोगों को जमीन पर बैठकर जागरूक किया। उन्होंने कहा कि यदि नदियों को नहीं बचाया गया तो हमारा भविष्य खतरे में आ जाएगा। इसके लिए पटवारी से लेकर सभी प्रशासनिक अधिकारियों को पाबंद किया गया है। कलेक्टर द्वारा पंच, सरपंच, सचिव, इंजीनियर तक सभी को मिलाकर अलग-अलग दल गठित किए गए हैं जो शिप्रा नदी के आसपास प्लांटेशन करेंगे। कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने बताया कि शिप्रा नदी को शुद्ध करने के लिए नालों का नदी में मिलना रोका जाना अति आवश्यक है। इसी कड़ी में नालों के आसपास 50 मीटर के इलाके में अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए। नालों के आसपास ऐसे वृक्षों को भी लगाया जाएगा जो जल का संग्रहण कर ले। यह पहला मौका है, जब देवास जिले में 109 ग्रामीण इलाकों में दल गठित किए गए है।