नई दिल्ली. जम्मू रीजन (Jammu Region) में आतंकवादी (terrorist) हमलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बीच, केंद्र (Center) ने सुरक्षा ग्रिड (Safety grid) को मजबूत करने के लिए असम राइफल्स (Assam Rifles) की 2 बटालियनों (2 battalions) को जम्मू क्षेत्र में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है. मणिपुर से असम राइफल्स की 2 बटालियनें जम्मू क्षेत्र में स्थानांतरित की जाएंगी.
हाल ही में, सुरक्षा ग्रिड को मजबूत करने के लिए जम्मू क्षेत्र में 3000 अतिरिक्त सेना जवानों और 2000 बीएसएफ कर्मियों को भी तैनात किया गया था. सोर्स बताते हैं कि, लगभग 40-50 ट्रेंड पाकिस्तानी आतंकवादी डोडा, राजौरी, पुंछ, उधमपुर और अन्य स्थानों के ऊपरी इलाकों में छिपे हुए हैं. लिहाजा जम्मू क्षेत्र में प्रमुख आतंकवाद विरोधी अभियानों के हिस्से के रूप में अतिरिक्त सैनिक तैनात किए जा रहे हैं.
इससे पहले खबर आई थी कि गृह मंत्रालय ने बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल नितिन अग्रवाल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है और उन्हें पद से हटा दिया गया है. वहीं, BSF के स्पेशल डीजी वाईबी खुरानिया को भी हटाकर ओडिशा कैडर में वापस भेज दिया गया है. जबकि नितिन अग्रवाल को उनके मूल कैडर केरल में वापस भेज दिया गया है. गृह मंत्रालय ने इस कदम को Premature repatriation कहा है.
माना जा रहा है कि जम्मू कश्मीर में पिछले 1 साल से हो रही लगातार आतंकियों की घुसपैठ डीजी बीएसएफ और स्पेशल डीजी बीएसएफ को हटाने की मुख्य वजह है. जम्मू कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ को लेकर भारत सरकार का यह सबसे बड़ा प्रशासनिक एक्शन है, जिसकी गाज वरिष्ठतम अधिकारियों पर गिरी है.
बता दें कि घाटी में एक बार फिर आतंकवाद सिर उठाने लगा है. बीते दो-तीन महीनों से जम्मू के कई इलाकों में आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं. ऐसे में केंद्र सरकार ने भी इसे लेकर जानकारी ली थी और स्थिति की समीक्षा की थी. पीएम मोदी को स्थानीय प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी गई थी. बीते जून में पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा से भी बात की थी और जम्मू-कश्मीर के हालात का जायजा लिया था.
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