नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) में कांग्रेस को उम्मीदों के मुताबिक नतीजे नहीं मिले। पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। चुनावी नतीजे आते ही सहयोगी दल कांग्रेस पर हमलावर हो गए। जिसके बाद पार्टी के भीतर छिड़ी रार और तेज हो गई है। हार के क्या कारण रहे? इस पर मंथन के लिए पार्टी ने अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर पर समीक्षा बैठक बुलाई थी। जिसमें राहुल गांधी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेशाध्यक्ष उदयभान को तलब किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कांग्रेस ने हुड्डा को चुनाव में फ्री हैंड दिया था। हुड्डा के कहने से 89 में से 72 टिकट दिए गए थे। लेकिन हुड्डा चुनाव नहीं जितवा सके। हुड्डा और उदयभान दोनों नेता समीक्षा बैठक से गायब रहे।
बताया जा रहा है कि दोनों की गैरमौजूदगी राहुल गांधी को नागवार गुजरी। राहुल गांधी ने कहा कि कुछ लोगों ने अपने निजी हितों को पार्टी हितों से अधिक तवज्जो दी। सूत्रों के मुताबिक हार के क्या कारण रहे? इसको लेकर पार्टी की ओर से फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित की जाएगी। समीक्षा बैठक में पार्टी पर्यवेक्षक अजय माकन ने कहा कि एग्जिट पोल और एग्जेक्ट रिजल्ट में जमीन-आसमान का अंतर है। चुनाव आयोग की भूमिका को लेकर भी पार्टी में मतभेद दिख रहे हैं। सभी चीजों पर मंथन किया गया है। चुनावी परिणाम खराब क्यों रहे? सब चीजों पर चर्चा हुई है। मतभेद की बात को लेकर पार्टी कार्रवाई कर सकती है।
बता दें कि हरियाणा में कांग्रेस को बहुमत से अधिक सीटें मिलने की उम्मीद थी। हुआ इसका उल्टा। कांग्रेस 37 सीटों पर सिमट गई और बीजेपी पिछली बार के बजाय अधिक सीटें जीत गई। बीजेपी को 48 सीटें मिलीं। पूर्ण बहुमत से सरकार बनने जा रही है। चुनाव से पहले हुड्डा और कुमारी शैलजा में कलह देखने को मिली थी। क्या शीर्ष नेताओं के बीच सीएम पद को लेकर मची कलह से नुकसान हुआ? इन सब चीजों पर अब कांग्रेस मंथन कर रही है। क्या गलत टिकट दिए गए? समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन जैसे मुद्दों पर भी बैठक में चर्चा की गई है।
बता दें कि हरियाणा चुनाव में कुछ ही टिकट कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला के समर्थकों को दिए गए थे। हाईकमान ने अपने स्तर पर भी टिकट बांटे थे। बताया जा रहा है कि हुड्डा के करीबी 3 बागियों की वजह से हाईकमान के उम्मीदवारों को भी हार का सामना करना पड़ा। हरियाणा में चुनावी विश्लेषक भी मानकर चल रहे थे कि माहौल कांग्रेस के पक्ष में है। बैठक में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजय माकन आदि नेता भी मौजूद रहे।
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