नकली नोट के मास्टरमाइंड ने कबूला..
इंदौर। नकली नोट (fake notes) गिरोह के सरगना राजेश टेकचंद बारबड़े निवासी बैतूल से पुलिस (POlice) अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं, जिसमें वह रोज नए खुलासे कर रहा है। उसका कहना है कि वह जिसे भी नोट की डिलीवरी देता या भिजवाता था तो कहता था कि एक बार नोटों को हल्दी के पानी से धो लेना, ताकि उनकी चमक चली जाए और नोट पुराने लगें। ऐसे में बाजार में बिना शंका किए यह नोट कोई भी ले लेगा।
राजेंद्र नगर क्षेत्र के न्यू नेहरू नगर में फ्लैट के अंदर नकली नोट बनाने का सेटअप मिला था। इस मामले में राजेश सहित गणेश पिता कन्हैयालाल चौहान निवासी सुदामा नगर, विक्रम, प्रयेस चंद्रशेखर स्वामी निवासी पारसी मोहल्ला, प्रवीण निवासी सिलिकॉन सिटी को गिरफ्तार किया है। आरोपी बॉलीवुड की फिल्म फर्जी की तर्ज पर नकली नोट छापकर बाजार में चला रहे थे। राजेश के बैतूल में रहने वाले परिजन को भी पुलिस इंदौर बुलाएगी। राजेश ने पूछताछ में बताया कि उसने 500 के नोटों के अलावा दो हजार और 50 रुपए के नकली नोट भी छापे और बाजार में चलाए। दो हजार के नोट बंद होने की खबर के बाद उसने मार्च महीने में यह नोट छापना बंद कर दिया था। यही नहीं, नोटो की डिलीवरी देने के बाद सामने वाली पार्टी का पूरा स्टिंग किया जाता था, ताकि पूरा रिकार्ड रहे कि किसे कितने रुपए दिए हैं। जिन प्रिंटरों की मदद से आरोपी नकली नोट छापते थे वह राजेश ने फाइनेंस कराया था। उसने 2003 में भोपाल में बैंक के नकली डीडी भी बनाए। यही नहीं, ऐसे डीडी की मदद से गाड़ी भी फाइनेंस करा ली थी। आरोपी का कहना है कि उस पर कर्ज हो गया था। कर्ज उतारने के लिए नकली नोट छापने से आसान कोई तरीका नजर नहीं आया।
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