गुना। जनपद पंचायत सानई गांव (Janpad Panchayat Sanai Village) में 30 दिन पहले तक ग्रामीण टीकाकरण (rural vaccination) के लिए आगे नहीं आ रहे थे। पंचायत सचिव के साथ में गांव के ही 15 युवाओं ने गली-गली घूमकर बुजुर्गों से लेकर महिलाओं तक को यह बताया कि कोरोना की वैक्सीन लगवाने के बाद वह जीवित खड़े हैं। मन में मरने का भ्रम छोड़कर आप लोग टीका लगवाने अवश्य जाएं। युवाओं की इस अपील का असर यह हुआ कि 15 दिन के भीतर ही इस गांव के 1420 मतदाताओं में से 1400 लोगों ने टीकाकरण करा लिया है।
जिले का यह ऐसा गांव है, जिसमें 98 फीसद लोग अभी तक टीकाकरण करा चुके हैं। अब उन 15 ग्रामीणों को जिला प्रशासन सम्मानित करेगा, जिन्होंने टीके लगवाने के लिए लोगों को प्रेरित किया। जिले का सानई गांव अब उन ग्रामीणों के लिए नजीर बन चुका है, जो कि आज भी भ्रम में जी रहे हैं। गांव के सचिव महेश प्रजापति ने कोटवार के साथ मिलकर हर रोज डोर-टू-डोर मुनादी की। तो वहीं जिन युवाओं को टीका लग चुका था, उनको साथ लेकर घर-घर जाकर कहा कि देखो इनका वैक्सीनेशन हो चुका है, लेकिन आज आपके बीच ही घूम रहे हैं। जो ग्रामीण टीकाकरण को लेकर शंकाएं फैला रहे हैं, ऐसे दुष्प्रचार से बचें।
हालांकि इस गांव में शत प्रतिशत टीकाकरण को लेकर कलेक्टर ने भी जिला पंचायत और जनपद सीईओ की जमकर तारीफ की है। साथ ही जागरूक करने वाले ग्रामीणों को सम्मान प्रदान करने को लेकर निर्देश भी दिए है।
एसडीएम से लेकर सीईओ ने भी लगाए गलियों के चक्कर
चांचौड़ा जनपद सीईओ हरिनारायण शर्मा ने कहा कि सानई गांव में टीकाकरण के बाद अब तस्वीर बदल गई है। लोग हर रोज आज भी मास्क पहनते हैं। साथ ही तीसरी लहर से निबटने को लेकर वह तैयार हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जब एसडीएम से लेकर सीईओ उनके गांव में कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण को लेकर जागरूक कर सकते हैं, तो वह भी तीसरी लहर से अपने परिजनों को बचाने को लेकर आगे आएंगे।
78 युवाओं का मतदाता सूची में नाम नहीं, लेकिन टीककरण कराने आए आगे
– फ्रेंक नोबल ए, कलेक्टर गुना
जनपद पंचायत सीईओ का कहना है कि इस ग्राम में 78 लोगों का मतदाता सूची में नाम नहीं था, लेकिन जब ग्रामीण लाइन लगाकर वैक्सीनेशन को लेकर आरोग्यम केंद्र पहुंच रहे थे, तो उसके बाद यह 78 युवा भी वैक्सीनेशन कराने पहुंचे। सानई गांव में 98 फीसद लोगों ने टीकाकरण कराकर जागरूकता का संदेश दिया है। साथ ही टीकाकरण को लेकर जो भ्रम ग्रामीणों को फैलाए गए थे, जिसको इस गांव के ग्रामीणों ने धता बता दिया है। सानई अन्य गांव के ग्रामीणों के लिए नजीर बन चुका है।
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