नई दिल्ली। शेयर बाजार में लगातार तेजी से बाजार पूंजीकरण यानी बाजार हैसियत में जोरदार वृद्धि हुई। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से भारतीय शेयर बाजार पांचवें स्थान पर आ सकता है। सितंबर में ही में यह फ्रांस को पीछे छोड़कर छठे स्थान पर आ गया था। रिकॉर्ड न्यूनतम ब्याज दर और खुदरा निवेश भारत के शेयर बाजार को रिकॉर्ड हाई पर ले जाने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
37 फीसदी बढ़ा बाजार पूंजीकरण
ब्लूमबर्ग के अनुसार, भारतीय शेयर बाजार का बाजार पूंजीकरण इस साल 37 फीसदी बढ़कर 3.46 लाख करोड़ डॉलर हो गया है। वहीं, ब्रिटेन का बाजार पूंजीकरण इस साल नौ फीसदी बढ़कर 3.59 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचा गया है। लंदन एंड कैपिटल एसेट मैनेजमेंट में इक्विटीज के हेड Roger Jones ने कहा कि भारत का शेयर बाजार बहुत आकर्षक लग रहा है। देश के तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद है। वहीं ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था ब्रेक्जिट रेफरेंडम के नतीजों के बाद से संघर्ष कर रही है।
मार्च 2020 के बाद से 130 फीसदी उछला बाजार
मार्च 2020 में जब भारत में कोरोना वायरस महामारी ने दस्तक दी, तो शेयर बाजार धड़ाम हुआ था। लेकिन अब बीएसई सेंसेक्स पिछले साल मार्च के बाद से 130 फीसदी उछल चुका है। इसने पिछले पांच सालों में निवेशकों को सालाना 15 फीसदी रिटर्न दिया है। वहीं ब्रिटेन के बेंचमार्क FTSE 100 Index ने इस दौरान छह फीसदी का रिटर्न दिया है।
इन कारकों से आ रहा उछाल
यदि इसी तरह विदेशी निवेश (FDI) लगातार बढ़ता रहा, तो दिवाली तक घरेलू बाजार दोबारा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकता है। टीकाकरण से निवेशकों में कोरोना का डर भी खत्म होता नजर आ रहा है। इसके अलावा जीडीपी में वृद्धि के संकेतों की उम्मीद से भी बाजार में इन दिनों उछाल आ रहा है।
वैश्विक बाजारों से सकारात्मक संकेतों, आदि से प्रभावित होकर बाजार जल्द ही नए शिखर पर पहुंच जाएगा। जिस तरह से भारतीय शेयर बाजार में तेजी आ रही है, अनुमान लगाया जा रहा है कि बाजार पूंजीकरण के मामले में यह ब्रिटेन को भी पीछे छोड़ देगा। साल 2020 की ही तरह इस साल भी आईपीओ बाजार गुलजार रहा है। हाल ही में कई कंपनियों ने अपना आईपीओ पेश किया। नई सूचीबद्ध कंपनियों के योगदान से भी इस साल बाजार बढ़ा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved