-शहर फिर लौटा पुराने ढर्रे पर, महापौर सहित सारे जनप्रतिनिधियों और अफसरों के दावे निकले बोगस
इंदौर। (Indore News) चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात कहावत शहर (Indore) के वर्तमान हालात के मद्देनजर कही जा सकती है। जनवरी की शुरुआत में प्रवासी भारतीय सम्मेलन (Pravasi Bhartiya Sammelan) और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investor Summit)के मद्देनजर पूरे शहर को सजाया-संवारा और अवैध कब्जों, अतिक्रमण के साथ-साथ ठेले-गुमटियों और भिखारियों से भी मुक्त कराया गया। मगर जैसे ही ये दोनों बड़े आयोजन निपटे, उसके बाद शहर फिर पुराने ढर्रे पर लौट आया।
नेताओं की बदौलत गुमटियां फिर लग गई। मेघदूत उपवन की सर्विस रोड से हटाई गई चाट-चौपाटी क्षेत्रीय नेताओं ने निगम अफसरों पर दबाव बनाकर फिर से लगवा डाली। यही स्थिति शहर के अन्य क्षेत्रों की है। चौराहों पर फिर भिखारियों की संख्या भी बढ़ गई। वरना आयोजनों के चलते 300 से ज्यादा भिखारियों (Beggar) को शहर से बाहर ही खदेड़ दिया था।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव (Mayor Pushymitra Bhargav) सहित सभी जनप्रतिनिधियों और पुलिस, प्रशासन, निगम (Indore Municipal Corporation) के अफसरों ने दावे भी किए थे कि अब ये अतिक्रमण, ठेले-गुमटियां और भिखारी नजर नहीं आएंगे। मगर आयोजनों को हफ्ताभर भी नहीं बिता था कि फिर शहर अपने ढर्रे पर लौट आया। यहां तक कि सजावटी सामान भी हट गया और कुछ चोरी भी हो गया।
माणिकबाग के बोगदों से अवैध पार्किंग हल्ला मचने पर हटवाई
अभी माणिकबाग ओवरब्रिज (Manikbagh Overbridge)के नीचे भी वाहनों की अवैध पार्किंग शुरू हो गई थी, जिसको लेकर मीडिया में भी हल्ला मचा, तब बड़ी मुश्किल से यातायात विभाग ने इन वाहनों को हटवाया है। दरअसल आसपास की बहुमंजिला इमारतों में चूंकि पार्किंग की व्यवस्था नहीं है, लिहाजा रहवासी और आसपास के दुकानदार पुल के नीचे ही अपने वाहनों की पार्किंग करने लगे। अब देखना यह है कि कब यह बोगदे खाली रहते हैं और फिर से अवैध पार्किंग नहीं होगी।
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