रामेश्वर धाकड़, भोपाल
प्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद विभागों के आवंटन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी है। सबसे बड़ा प्रशासनिक फेरबदल ग्वालियर-चंबल संभाग के आठ जिलों में होगा। जिसमें आधा दर्जन जिलों के कलेक्टर, इतने ही जिलों के एसपी एवं एक आईजी को कभी भी बदला जा सकता है। मंत्रियों के विभागों के आवंटन की तरह अफसरों की पदस्थापना सूची में भी राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रभाव दिखाई देगा।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार प्रदेश की कमान संभालने के बाद ज्यादातर जिलों के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षकों के तबादला आदेश जारी किए, लेकिन उन्होंने ग्वालियर चंबल संभाग में ज्यादा बदलाव नहीं किया। खासकर उपचुनाव वाले जिलों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। सिर्फ भिंड जिले के कलेक्टर, एसपी एवं चंबल आईजी को बदला गया था। अशोकनगर जिला पिछले 13 दिन से खाली है, 30 जून को कलेक्टर मंजू शर्मा के रिटायर्ड होने के बाद से अपर कलेक्टर के पास कलेक्टर का प्रभार है। मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि मुख्य सचिव ने पिछले महीने ही अशोकनगर कलेक्टर के लिए फाइल मुख्यमंत्री को भेजी थी, लेकिन सिंधिया की सहमति नहीं मिलने की वजह से अभी तक अशोकनगर को नया कलेक्टर नहीं मिल पाया है। अफसरों की तबादला सूची मंत्रियों के विभाग आवंटन नहीं होने की वजह से अटकी थी। अब जल्द ही प्रशासनिक फेरबदल होने की संभावना है। जिसमें ग्वालियर-चंबल के उपचुनाव वाले जिलों में ज्यादा अफसर को बदला जाएगा।
इन जिलों में हो सकता है बदलाव
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार तबादला सूची में कलेक्टर, एसपी, अपर कलेक्टर, एएसपी स्तर के अधिकारियों के नाम हैं। जिसमें गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, मुरैना, दतिया, ग्वालियर जिले के अफसरों का फेरबदल होना है। इसके अलावा ग्वालियर-चंबल संभाग के बाहर के तीन या चार जिलों के एसपी और कलेक्टर बदले जा सकते हैं।
अनुराग चौधरी फिर बन सकते हैं कलेक्टर!
2010 बैच के आईएएस अधिकारी अनुराग चौधरी कमलनाथ सरकार में ग्वालियर के कलेक्टर रहे हैं। सिंगरौली कलेक्टर से हटाकर उन्हें सिंधिया की सिफारिश पर ग्वालियर कलेक्टर बनाया गया था। कमलनाथ सरकार ने सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद चौधरी को मंत्रालय पदस्थ कर दिया था। लेकिन शिवराज सरकार ने बाद में चौधरी को अपर आयुक्क्त भू अभिलेख एवं बंदोबस्त कार्यालय ग्वालियर पदस्थ कर दिया था। खबर है कि सिंधिया चौधरी को फिर से ग्वालियर कलेक्टर बनाना चाहते हैं, लेकिन भाजपा के दूसरे नेता चौधरी के नाम पर राजी नहीं है। संभवत: चौधरी को फिर से कलेक्टर बनाया जा सकता है। ग्वालियर कलेक्टर रहते चौधरी जमीनों से जुड़े प्रकरण निपटाने के मामले में 52 में से सबसे ज्यादा चर्चित कलेक्टर रहे हैं।
सिंधिया के सलाहकार ने तैयार की सूची!
सूत्रों से खबर है कि सिंधिया के प्रशासनिक सलाहकार रिटायर्ड आईएएस प्रशांत मेहता ने अफसरों की संभावित सूची तैयार कर ली है। सिंधिया की ओर से इसी सूची में से कुछ नामों की सिफारिश राज्य सरकार से की जाएगी। इसके बाद उनके पसंद के जिलों में पसंदीदा अफसरों की पदस्थापना कर दी जाएगी।
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