उज्जैन। कोरोना को देखते हुए पिछले दिनों नंदी हाल तथा गर्भगृह में लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। हाल ही में इसे मंदिर समिति ने हटा लिया है। इसके बाद से महाकाल में श्रद्धालुओं की भीड़ बढऩे लगी है। रविवार को भी 20 हजार से ज्यादा लोगों ने महाकाल दर्शन किए। संभावना है कि मंदिर समिति जल्द भस्मारती में श्रद्धालुओं का प्रवेश फिर से शुरु कर सकती है। कोरोना की तीसरी लहर के पीक की शुरुआत जनवरी माह के शुरुआती हफ्ते में हो गई थी। इसके बाद से लगातार केस बढ़ते जा रहे थे। इसे देखते हुए मंदिर समिति ने पिछले महीने के दूसरे सप्ताह से महाकाल मंदिर में दर्शन व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया था और सबसे पहले भस्मारती में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगाई थी। इसके बाद नंदी हाल तथा गर्भगृह में भी श्रद्धालुओं का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया था। इधर पिछले बुधवार को प्रदेश में कोरोना के घटते मामलों को देखते हुए शासन ने विवाह समारोह और अन्य मांगलिक कार्यों में लोगों की संख्या पर लगा दिया गया प्रतिबंध भी हटा दिया गया था। इसके अगले दिन गुरुवार से महाकालेश्वर मंदिर में भी आम श्रद्धालुओं का प्रवेश शुरु कर दिया गया था।
हालांकि इसके पहले मंदिर समिति ने 1500 रुपए की रसीद कटवाने वाले श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दे दी थी। इसके बाद से ही महाकाल में श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढऩे लगी थी। शनिवार के बाद रविवार को भी यहाँ दिनभर में 20 से 25 हजार श्रद्धालुओं ने महाकाल दर्शन किए। इधर संभावना जताई जा रही है कि श्रद्धालुओं के गर्भगृह में प्रवेश की व्यवस्था शुरु होने के बाद अब मंदिर समिति जल्द ही भस्मारती में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटा सकती है। इसे लेकर अभी अधिकारी स्पष्ट नहीं बोल रहे हैं लेकिन सूत्र बताते हैं कि जल्द ही इसे लेकर मंदिर समिति की बैठक में निर्णय हो सकता है। आज भी महाकाल मंदिर में सुबह से श्रद्धालु पहुँच रहे हैं। उल्लेखनीय है कि श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध के बाद महाकाल में श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम हो गई थी। उस दौरान 7 से 8 हजार श्रद्धालु ही दर्शन कर पा रहे थे। अब प्रतिबंध हटने के बाद यह संख्या तीन गुने से ज्यादा हो गई है।
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