भोपाल: दिल्ली (Delhi) में हुई कोचिंग घटना (Coaching incident) के बाद भोपाल प्रशासन (Bhopal Administration) सतर्क हो गया है. शहर के कई कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जा रहा था, जिसके चलते पुलिस ने कई संस्थानों के बेसमेंट सीज कर दिए थे. अब पुलिस और प्रशासन ने कोचिंग संचालकों के साथ बैठक कर उन्हें 1 महीने का अल्टीमेटम दिया है. संस्थानों को पार्किंग, फायर सेफ्टी और अन्य सुरक्षा मानकों को पूरा करना होगा. हर फ्लोर पर सुरक्षा के लिए एक व्यक्ति को तैनात करना होगा और ऑडिट रिपोर्ट भी दिखानी होगी. अगर एक महीने में संस्थान नहीं सुधरे तो उन्हें बंद कर दिया जाएगा.
बता दें कि भोपाल पुलिस (Bhopal Police) और प्रशासन ने हाल ही में शहर के अलग-अलग इलाकों में 7 कोचिंग संस्थानों के बेसमेंट और ऑफिस एरिया को सीज किया था. अब इसी को लेकर पुलिस और प्रशासन ने शनिवार को कोचिंग संचालकों के साथ बैठक की. जिसमें उनके साथ इलेक्ट्रिकल सेफ्टी, निगम बिल्डिंग परमिशन ब्रांच के लोग भी मौजूद रहे.
बैठक में 1 महीने के अंदर पार्किंग और फायर सेफ्टी के इंतजाम करने के निर्देश दिए गए. इसके अलावा बिल्डिंग के हर फ्लोर पर एक व्यक्ति की ड्यूटी लगाई जाएगी, जो मॉनिटरिंग करेगा. हर कोचिंग में ऑडिट डिस्प्ले बोर्ड लगाया जाएगा. ताकि पैरेंट्स जान सकें कि उनका बच्चा कितना सुरक्षित है. फायर ऑडिट जरूरी होगा. बेसमेंट में भी पार्किंग व्यवस्था कराई जाएगी. यहां पर किसी भी हाल में क्लास नहीं लगेगी. अगर 1 महीने के अंदर खामियां दूर नहीं की गईं तो संस्थान बंद कर दिए जाएंगे.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अफसरों को बेसमेंट में चल रही कोचिंग संस्थाओं का निरीक्षण करवाने के निर्देश दिए थे. इसके तुरन्त बाद इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह और भोपाल के कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह एक्सन मोड में आ गए. बेसमेंट में चल रही अवैध कोचिंग संस्थानों व लायब्रेरी के निरीक्षण के आदेश दिए. कलेक्टर के आदेश और सीएम के निर्देश से जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम ने एक्शन लेना शुरू किया.
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