मुंबई: 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन के बाद मथुरा में श्री कृष्ण जन्मस्थान को लेकर भी भव्य मंदिर निर्माण की मांग की जा रही है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तो विधानसभा में कहा कि अयोध्या राम मंदिर और काशी में ज्ञानवापी के बाद अब श्री कृष्ण भी कह रहे हैं कि हमारी बारी है. इसी क्रम में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी श्री कृष्ण जन्म स्थान की पैरवी की.
उन्होंने रविवार (11 फरवरी) को कहा कि अयोध्या में जिस तरह से पूरी कानूनी प्रक्रिया के तहत राम मंदिर का निर्माण किया गया है, उसी तरह से श्री कृष्ण के जन्मस्थान का भी विकास होना चाहिए. फडणवीस ने कहा कि चाहे मथुरा हो, काशी हो या फिर अयोध्या, ये सभी हमारे लिए बेहद पवित्र स्थान हैं.
डिप्टी सीएम फडणवीस ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि लोग उम्मीद करते हैं कि जैसे अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण किया गया है, वैसे ही मथुरा में भगवान कृष्ण जन्मभूमि का निर्माण भी पूरे सद्भाव और कानून के तहत होना चाहिए.
‘पूरी कानूनी प्रक्रिया के तहत हुआ राम मंदिर निर्माण’
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में भगवान राम के मंदिर का निर्माण पूरी कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत किया गया है. फडणवीस ने यह भी कहा कि मथुरा में जहां शाही ईदगाह मस्जिद है, उस जगह पर कुछ हिंदू संगठनों की ओर से भगवान कृष्ण का जन्मस्थान होने का दावा किया है. इस दावे के चलते अब नए सिरे से कृष्ण मंदिर के निर्माण की मांग की जा रही है.
औरंगजेब के शासनकाल में कृष्ण मंदिर नष्ट करने का दावा
हिंदूवादी संगठनों का दावा है कि शाही ईदगाह मस्जिद (Shahi Idgah mosque) केशव देव मंदिर (Kesava Deo temple) की वास्तविक स्थान पर बनाई गई थी. यह स्थान भगवान कृष्ण के जन्मस्थान को चिह्नित करता है. संगठनों का यह भी दावा है कि 17वीं शताब्दी में मुगल बादशाह औरंगजेब के शासनकाल के दौरान भगवान कृष्ण के मंदिर को नष्ट कर दिया गया था.
सीएम योगी ने विधानसभा में सुनाया महाभारत का प्रकरण
उधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान विधानसभा में इस बात का जिक्र किया था कि मथुरा में एक मंदिर है जहां अब एक मस्जिद है. उन्होंने मंदिर को लेकर यह भी कहा कि कृष्ण कन्हैया के पास और कोई रास्ता नहीं होगा. सीएम योगी ने सदन में महाभारत प्रकरण को भी याद किया जिसमें कौरवों ने पांडवों को ‘सुई की नोक’ के बराबर भूमि देने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा कि काशी, मथुरा और अयोध्या के साथ भी यही हुआ. हमने भी केवल 3 ही मांगे हैं.
अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का कानूनी समाधान निकलने के बाद अब मथुरा स्थित भगवान कृष्ण जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की मांग भी तेज हो गई है.
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