नई दिल्ली। इसरो (ISRO) के चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) मिशन के सफल होने के बाद से पूरे देश में उत्साह की लहर है। प्रधानमंत्री (Prime Minister) के लेकर देश आम नागरिक (ordinary citizens) तक इसरो की इस सफलता को लेकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। पीएम मोदी ने चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो के अगले मिशन की जानकारी भी दी। इसरो जल्द ही सूर्य मिशन और गगययान को लॉन्च करेगा। इसके अलावा इसरो ने शुक्र पर भी जाने की तैयारी शुरू कर दी है।
सितंबर में लॉन्च होगा आदित्य L-1
इसरो सितंबर में भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य-एल1 (Surya Mission Aditya-L1) को लॉन्च करने जा रहा है। इसरो के अनुसार अंतरिक्ष यान आदित्य-एल1 को सूर्य और पृथ्वी प्रणाली के लैंग्रेज बिंदु1 (L1) के चारों तरफ एक प्रभामंडल कक्षा में रखा जाएगा। एल1 को अंतरिक्ष का पार्किंग स्पेस भी कहते है। यह जगह पृथ्वी से 1.5 मिलियन किमी दूर स्थित है। इसरो आदित्य-एल1 मिशन के तहत सूर्य से निकलने वाली रेडिएशन का अध्ययन करेगा। बता दें कि आदित्य-एल1 120 दिन तक अंतरिक्ष में रहेगा। आदित्य-एल1 में 7 पेलोड्स लगे हुए हैं। आदित्य-एल1 मिशन को बनाने में 378 करोड़ रुपये की लागत आई है।
NASA के साथ इस प्रोजेक्ट पर हो रहा काम
आदित्य मिशन के अलावा अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और इसरो ने एक साथ मिलकर अर्थ ऑब्ज़र्वेशन सैटेलाइट को बनाने का समझौता किया है। यह मिशन अगले साल तक लॉन्च होने की संभावना जताई जा रही है। इस सैटेलाइट का नाम NISAR है। NISAR का फुल फॉर्म NASA-ISRO Syntehetic Aperture Radar है। इस सैटेलाइट के जरिए पृथ्वी की भूमि और बर्फ की सतहों की गतिविधियों को बेहद बारीकी से ट्रैक किया जाएगा। यह सैटेलाइट पृथ्वी पर होने वाले जलवायु परिवर्तन, जंगलों की कटाई, ग्लेशियर के पिघलने की रफ्तार को भी मापने का काम करेगा।
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद आगामी मिशन
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