नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइडेड (JDU) के अध्यक्ष नीतीश कुमार उन्हें इंडिया गठबंधन में लेकर आए थे लेकिन खुद भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ चले गए। नीतीश की वापसी की अखिलेश को अब भी उम्मीद है और उन्होंने कहा कि समय पर चीजें बदलती हैं। सपा अध्यक्ष ने एक कार्यक्रम में जाति जनगणना के सवाल पर नीतीश के जाति आधारित सर्वेक्षण की तारीफ की और कहा कि बिहार ने देश को रास्ता दिखाया है।
अखिलेश यादव ने नीतीश कुमार के वापस लौटने के सवाल पर कहा- “समय पर चीजें बदलती हैं। कभी हमारे साथ थे, आज हमारे साथ नहीं हैं। देश के बहुत सारे नेताओं पर भरोसा है कि वो साथ आएंगे। कोई बातचीत नहीं हो रही है।”
इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कर रही कांग्रेस के नेता मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व काल में जाति जनगणना के आंकड़े छुपाने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि पहले क्या हुआ, पहले किस नेता ने क्या किया, उसमें वो नहीं जाना चाहते। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी जागरूक है, वो पारदर्शी समाज के दौर में चल रही है। सोशल मीडिया का हस्तक्षेप इतना ज्यादा है कि आप कोई बात नहीं छिपा सकते। भाजपा को ये मौका मिला है। जाति जनगणना हो। सपा की बात रही है कि जातिगत जनगणना हो, इससे देश और मजबूत दिखाई देगा।
जब 2012 से 2017 तक यूपी के सीएम रहे अखिलेश से उनके नेतृत्व वाली सरकार में भी इस पर काम ना होने का सवाल पूछा गया तो सपा अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें उस समय उम्मीद थी कि केंद्र सरकार दिए गए भरोसे पर खरा उतरेगी। उस समय सदन में मुलायम सिंह यादव, शरद यादव, लालू यादव और दक्षिण भारत के सारे नेताओं ने कहा था कि जाति जनगणना कराई जाए। सरकार ने आश्वासन दिया। डेटा कलेक्ट हुआ लेकिन सार्वजनिक नहीं हुआ। उम्मीद है कि इस जनगणना में जातियों की गिनती होगी और उसका डेटा शेयर भी होगा।
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