नई दिल्ली। बिहार विधानसभा के चुनाव नतीजों से ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी काफी उत्साहित हैं। मंगलवार को आए बिहार चुनाव नतीजों में एआईएमआईएम को पांच सीटें मिली हैं। पार्टी सीमांचल की पांच सीटें जीतने में कामयाब हुई है। इस क्षेत्र की सीटें मुस्लिम बहुल मानी जाती हैं। ओवैसी ने कहा कि वह अगले साल पश्चिम बंगाल और 2022 में उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। एआईएमआईएम नेता ने कहा कि वह राजनीतिक संघर्ष में विश्वास करते हैं और जनता चाहती है कि वह उनके समस्याओं एवं परेशानियों को आवाज दें।
एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत में ओवैसी ने कहा कि भाजपा को रोकने के लिए उन्होंने समान विचारधारा वाले दलों को साथ आने की अपील की थी लेकिन उनके इस अनुरोध को नजरंदाज कर दिया गया। इस आरोप पर कि उन्होंने बिहार में महागठबंधन के वोट बैंक में सेंध लगाई। इस पर उन्होंने कहा, ‘पांच-पांच बार के विधायक चुनाव हार जाते हैं। बिहार की बाढ़ पर कहते हैं कि ये धसान नहीं कटान है, ऐसे नेताओं को जनता समझने लगी है। बिहार में विपक्ष की हार अगर मेरी वजह से हुई तो गुजरात, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में कांग्रेस की हार किस वजह से हुई। मैं तो वहां चुनाव लड़ने नहीं गया था।’
एआईएमआईएम ने जीती हैं पांच सीटें
ओवैसी की पार्टी के बारे में कहा जा रहा है कि इसने बिहार में महागठबंधन के वोटों खासतौर पर मुस्लिम वोटों में सेंधमारी की। बिहार में कई सीटों का जीत-हार का अंतर काफी कम रहा है। ऐसे में कहा जा रहा है कि एआईएमआईएम यदि महागठबंधन के साथ होती या वह चुनाव में नहीं होती तो इसका फायदा महागठबंधन को पहुंचा होता लेकिन उसने चुनाव लड़कर विपक्ष को नुकसान पहुंचाया। सीमांचल सहित बिहार की कई सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। जाहिर है कि इस चुनाव में सीमांचल की सीटों पर महागठबंधन को नुकसान पहुंचा है।
AIMIM को 1.24 फीसदी वोट मिला
बिहार चुनाव में एआईएमआईएम डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट (जीडीएसएफ) का हिस्सा थी। इस चुनाव में ओवैसी की पार्टी को 1.24 प्रतिशत वोट मिला है। ओवैसी का कहना है कि सीमांचल की जिन पांच सीटों पर उनकी पार्टी ने जीत दर्ज की है उन सभी सीटों पर उन्हें मुस्लिमों के अलावा दलितों एवं हिंदू समुदाय का वोट मिला है।
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