नई दिल्ली। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) का समय करीब आता जा रहा है उसी अनुसार राजनीतिक दलों की भी तैयारियां शुरू होने लगी है। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections ) की तैयारियों के मद्देनजर देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी (BJP) की बिसात बिछने लगी है, जबकि विपक्ष भी अपना कुनबा एक जुट करने में लगा हुआ है।
आपको बता दें कि एक ओर जहां विपक्षी दल गठबंधन बनाने पर जोर दे रहे हैं तो वहीं बीजेपी का फोकस ‘स्पेशल 144’ पर है। यह लोकसभा की वह सीटें हैं जहां हाल के चुनावों बीजपी को हार मिली है और पार्टी का फोकस इन सीटों पर बढ़ गया है। इन सीटों के साथ ही बीजेपी की नजर विपक्ष की उन सीटों पर भी हैं जो उनका गढ़ मानी जाती हैं।
यूपी की रायबरेली, मैनपुरी, महाराष्ट्र की बारामती समेत कई और सीटें हैं जिन पर पार्टी ने खास रणनीति तैयार की है। हाल ही में बीजेपी नेताओं की इसको लेकर एक बैठक भी हुई। बीजेपी उन 144 लोकसभा सीटों में से कम से कम आधी सीटें जीतने के लिए अलग-अलग योजना पर काम कर रही है, जो उसने हाल के चुनावों में नहीं जीती है। 2019 के आम चुनाव में बीजेपी 2014 की तुलना में 21 सीटें अधिक जीती थीं। 144 सीटों पर ध्यान केंद्रित करने की योजना के पीछे विचार यह है कि यदि पार्टी कुछ सीटें हारती है, तो उसे कम से कम नई सीटें जीतकर उस कमी को पूरा किया जाए।
बीजेपी का फोकस ‘स्पेशल 144’
एक ओर जहां विपक्षी दल गठबंधन बनाने पर जोर दे रहे हैं तो वहीं बीजेपी का फोकस ‘स्पेशल 144’ पर है। यह लोकसभा की वह सीटें हैं जहां हाल के चुनावों बीजपी को हार मिली है और पार्टी का फोकस इन सीटों पर बढ़ गया है। इन सीटों के साथ ही बीजेपी की नजर विपक्ष की उन सीटों पर भी हैं जो उनका गढ़ मानी जाती हैं। यूपी की रायबरेली, मैनपुरी, महाराष्ट्र की बारामती समेत कई और सीटें हैं जिन पर पार्टी ने खास रणनीति तैयार की है। हाल ही में बीजेपी नेताओं की इसको लेकर एक बैठक भी हुई। बीजेपी उन 144 लोकसभा सीटों में से कम से कम आधी सीटें जीतने के लिए अलग-अलग योजना पर काम कर रही है, जो उसने हाल के चुनावों में नहीं जीती है।
विदित हो कि रायबरेली में लगातार तीन दशक से इस सीट पर पार्टियों को अपना कब्जा जमाए रखने का रिकॉर्ड है, लेकिन भाजपा में शामिल हुई अदिति सिंह (Aditi Singh Rae Bareli) ने अखिलेश सिंह (Akhilesh Singh) की परंपरागत सीट पर ऐं सी सेंध लगाई कि अच्छों- अच्छों की नींद उड़ गई थी। अखिलेश सिंह ने भी भले ही पार्टियां बदली, लेकिन उनका हमेशा इस सीट पर कब्जा रहा, लेकिन अदिति भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरी थी।
विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे नीतिश कुमार
इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं ने मौजूदा राजनीतिक हालात और विपक्षी एकजुटता की दिशा में आगे बढ़ने को लेकर बात की।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का साथ छोड़ने और राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और वाम दलों के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाने के बाद नीतीश पहली बार दिल्ली पहुंचे थे। जनता दल (यूनाइटेड) के शीर्ष नेता ने यहां स्थित राहुल गांधी के आवास पर पहुंचकर उनसे मुलाकात की थी। बीजेपी से अलग होने के बाद नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं और विपक्षी नेताओं से उनकी मुलाकात को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
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